यह कहानी कुछ महीने पहले की है. मैं ताज़ा ताज़ा ब. एड. का कौसे ख़तम कर के कॉलेज से निकली ही थी और मैने करेस्पॉंडेन्स से म.आ शुरू किया था. मैं आचे घर की लड़की हूँ. घर मैं पैसे की कोई कमिण नहीं है. लेकिन फिर भी शुरू से ही इनडिपेंडेंट क्यलट की होने की वजह से मैं अपना पैसा खुद कामना चाहती थी. desibees
ब. एड. का रिज़ल्ट आने से पहले ही मेरे पिताजी के एक दोस्त के स्कूल मैं मैं पढ़ने लग गई. यह स्कूल 19 कक्षा तक था और मैं कम क्वालिफाइड होने पर भी 18 कक्षा तक इंग्लीश पढ़ती थी. इसकी वजह दो थी. एक तो मैं शुरू से ही इंग्लीश मीडियम मैं पढ़ी थी और दूसरा जैसे के मैने आपको बताया के मेरे स्कूल का प्रॉपेर्टिएर मेरे पिताजी का अछा दोस्त था. और इसी वजह से स्कूल में सभ मुझे आचे से जानते थे और में स्टूडेंट्स की जाम कर पिटाई कर सकती थी. desibees hindi sex story
में बहुत ही स्ट्रिक्ट टीचर थी और स्कूल के सबसे ज़्यादा बिगरहे हुए लड़कों को भी जाम कर तपद लगती थी. सब स्टूडेंट्स मुझसे डरते थे.हम सब टीचर्स और स्टूडेंट्स स्कूल बसस मैं ही अपने अपने घर जाते थे. हमारे स्कूल की बसस हमेशा खचा खच भारी होती थी लेकिन हम टीचर्स को हमेशा बेत्ने की जगह मिल जाती थी और हमारे स्टूडेंट्स खरे हो कर जाते थे. सब कुछ ठीक तक चल रहा था. पर एक दिन छुट्टी के बाद घर जाते वाक़त मैने देखा के 11 क्लास की एक लड़की अपने आखों में आँसूँ छुपाते हुए बस से उतरी और उसकी सहेली ने उसके कन मे कहा, “तू घबरा मत कल हम इंग्लीश वेल माँ से बात करेंगे, वो उन्हे अछा सबक सिखाइंगी.”
मुझे बात कुछ समझ में नहीं आई लेकिन मैने सोचा के कल जब यह मुझसे बात करेंगी तब खुद बा खुद पता चल जाएगा. अब मेरे स्कूल की सभी बड़ी लड़कियाँ मुझे कभी कभी अकेले में दीदी दीदी बुलाती थी और मेरे काफ़ी क्लोज़ थी और अपने काई प्रॉब्लम्स अक्सर मेरे साथ ही डिसकस करती थी. इसकी वजा थी में उनसे उमर में ज़्यादा बड़ी नही थी. मैं 12त क्लास की लड़कियों से केवल 4 साल ही तो बड़ी थी. अब स्कूल के बाद ब.आ. और ब. एड करने में सिर्फ़ 4 साल ही तो लगते हैं.
बलके स्कूल के 12 क्लास के 4-5 बदमाश लड़कों से तो मैं सिर्फ़ 2 साल ही बड़ी थी क्यों के हू सब तो कम से कम 2-2 किसी ना किसी क्लास में फैल हो चुके थे. तो अगले दिन मैं जब स्कूल पहुँची तो मैं वेट कर रही थी की कब वो लड़कियाँ आ कर मुझे अपनी प्राब्लम बताएँ और मैं उससे सॉल्व कर सकूँ. लेकिन एक दिन बिता दो दिन बीते, फिर पूरा हफ़्ता बीट गया पर उन्हों ने मेरे सो कोई बात नहीं की और मैं भी उसे भूल गये. फिर इक दिन अचानक उसी दिन की तरह वो लड़की फिर रोते हुए बस से उतरी और इस बार वो ज़्यादा ही रो रही थी. desibees sexy chachi
बल्कि बाकी टीचर्स भी उसकी सहेलियों से पूछने लगे के इससे क्या हुआ. इस पर उसकी सहेलियों ने कहा, ”मा’आम इस का सर बहुत ज़ोर से दर्द कर रहा है.” उन टीचर्स के लिए बात वोहीं डब गयी. लेकिन मुझे इस सब पर विश्वास नहीं हुआ. तो मैं अगले दिन खुद उस लड़की और उसकी सहेली को फ्री पीरियड में अपने कमरे में बुलाया और उससे पूछा के प्राब्लम क्या है. हू बोली, “ कुछ नहीं मा’आम सब ठीक है.”“मुझसे झूठ मत बोलो”, मैने कहा,” उस दिन भी मैने तुम्हे इससे तरहा बस से रोते हुए उत्तरते देखा था और तुम्हारी सहेली तुम्हे कह रही थी के हम कल इंग्लीश वेल मा’आम को यह बात बताएँगे और वो उनकी खबर लेंगी.
मुझसे छुपयो मत और खुल के बताओ के प्राब्लम क्या है?”इस पर वो लड़की फुट फुट कर रोने लगी. तो उसकी सहेली बोली, “ मा’आम मैं आपको बताती हूँ के प्राब्लम क्या है. आप तो जानती हैं के हमारी बस में कितनी भेर होती है और हमें करे हो कर बस में जाना पड़ता है.”“हन! हन!” मैने कहा.“तो मा’आम प्राब्लम यह है के पिछले एक महीने से हू 12त क्लास के मुश्टंडे, वो बॅस्केटबॉल प्लेयर्स! वो फेल्यूवर्स! हमें बस में रोझ तंग करते है. हम लड़कियों का उन्हों ने बस पर सफ़र करना मुश्किल कर दिया है. कभी तो वो हमारे लोवर बॅक में उंगली डालते है तो कभी हमारी ब्रेस्ट पर चुनती काटते हैं. desibees sexy indian
कल तो उन्होने हद ही कर दी. कल उन चारों ने हमे कस कर पेचए से पकड़ लिया और ज़ोर से हमारी ब्रेस्ट्स मसल दी,” वो बोली.“क्या उनकी यह हिमत. मैं आज ही उनकी शिकायत प्रिन्सिपल से करती हूँ, और उनकी खुद खूब पिटए करूँगी. और यह सब तुमने पहले क्यों नहीं बताया. और बाकी लड़कियों ने इसकी शिकायत क्यों नही की?” मैं बोली. “ नहीं नहीं मा’आम, आप प्लीज़ यह बात किसी से ना कहिए गा वरना सब हम पर हासेंगे और हमारी स्कूल में बदनामी होगी और मज़ाक बनेगा. आप चाहें तो उनकी पिटाई कर डेजिए पर यह बात आप उनसे भी ना कहिए गा के हुँने बताई है वरना वो हँहे और तंग करेंगे या फिर बदनाम करेंगे. अभी तो यह बात सिर्फ़ हुमें, आपको या फिर उन लड़कों को पता है जो हमारे आस पास बस में खरे होते हैं”, वो बोली.“ठीक है, मैं देख लूँगी,” मैने कहा.
उस दिन क्लास में जाते ही मैने उन चारों को खड़ा कर लिया और बिना कुछ बताए उनकी जाम कर तपद परदे की. इतना मारा के मेरे हाथ दुखने लगे और उनके गॅलन पर मेरे तपड़ों की वजह से नील पद गये. जब क्लास ने पूछा के मा’आम आप इन्हे क्यों मार रही हैं तो मैने कहा, “इन्हें बस में सफ़र करना सीखा रही हूँ.” और वो छररो सिर झुका कर खड़े हो गये.कुछ दिन तक सब ठीक रहा, लेकिन एक दिन फिर वो लड़कियाँ मेरे पास आई और रोने लगीं. मैने उनसे पूछा, “अब क्या हुआ, अब तुम किस बात पर रो रही हो? क्या वो तुम्हे अभी भी तंग करते हैं.” इस पर वो मुझे बोलीं, “ मा’आम अपने जब उनकी पिटाई की थी तो कुछ दिन तक सब ठीक रहा लेकिन पिछले दो दिन से वो फिरसे हुमें तंग कर रहे हैं.”“लगता है अब प्रिन्सिपल से बात करनी ही पड़ेगी,” मैं बोली.“प्लीज़ मा’आम आप प्रिन्सिपल से कुछ मत कहिएगा. यह बात अगर फैल्ल गये तो हमारा मज़ाक उड़ेगा. indian chudai desibees
हुमारा स्कूल आना मुश्किल हो जाएगा,” वो गिरगिराएँ.“तो ठीक है, आज मैं तुम लोगों के साथ बस में खरी रहूंगी. अगर उन्होने कुछ किया तो में उनकी वहीं पिटाई करूँगी और उन्हे स्कूल से निकलवा दूँगी,” मैने गुस्से से भर कर कहा.उस दिन मैने फिर उन चारों की खूब पिटाई की और छुट्टी के बाद बस में लड़कियों के साथ पीछे खरी हो गयी. जब मेरे साथी टीचर्स ने पूछा तो मैने कहा के मैं स्टूडेंट्स के साथ मिक्षुप होने की कोशिश कर रही हूँ ता के यह मुझसे इतना ज़्यादा ना दरें.उस दिन सब ठीक रहा. मैं उनके साथ 3-4 दिन बस में खरे हो कर सफ़र करते रही. वो 4 बदमाश हमारे पीछे ही खड़े रहते थे लेकिन उनमें से किसी की हिमत नहीं हुई के कुछ कर सके. तो कुछ दिन बाद मैं फिर आयेज बेत्ने लगी. उगले ही दिन वो लड़कियाँ फिर मेरे पास वोही शिकायत ले कर आ गये. तो मैं फिर उस दिन पीछे खड़ी हो कर सफ़र करने लगी.दो-एक दिन तक सब ठीक था फिर एक दिन अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने कोई चीज़ मेरे पेचए मेरे बटक्स (यानी चुटटरों) के बीच गुसा दी हो.
मैं एक दूं कांप गये. मेरी सारी बॉडी ठंडी पद गयी और मेरे शरीर के लोएँ खरे हो गये. मैं सारी उमर गर्ल्स स्कूल्स और गर्ल्स कॉलेजस में ही पढ़ी हूँ. मेरे पिताजी मुझे खुद स्कूल/कॉलेज ड्रॉप करके जाते थे और खुद पिकप करते थे. किसी लड़के को मैने कभी आँख भर नहीं देखा था. किसी लड़के का मुझे स्पर्श करना तो डोर की बात थी. हालान के मैं गोरी चित्ति तीखे नैनों वाली एक सुंदर, पतली लड़की थी. मेरी सहेलियाँ अक्सर मुझे कहती थी के मैं क़िस्सी किस्मत वेल को ही मिल्लूंगी और जिससे मिल्लूंगी वो 1 साल तो पहले बेडरूम से ही नहीं निकलेगा, कम करना तो डोर की बात है.पर उस पल मुझे बिजली का झटका लगा.