स्कूल टीचर की चुदाई

दूसरे ने वन का दरवाज़ा बंद किया और वन चल पड़ी.मैं जिस लड़के की गोद में बैठे थी उसने अपना एक हाथ मेरी बाजू में से निकल कर मेरी छाती पर रख दिया और उसे ज़ोर से रगड़ने लगा और दूसरा हाथ उसने मेरी जांघों के बीच मेरी छूट पर रख दिया और उसे प्यार से मसालने लगा. दूसरे लड़के ने मेरे पेन्सिल हील वाली जुटती वेल पैरों को पकड़ा और मेरी टाँगों को अपनी तरफ खीच लिया. अब मेरी टाँगे उसके अगाल बगल थी और वो मेरी टाँगों के बीच. “साली रंडी! कुट्टी! क्लास में बहुत मारती है ना आज तेरी घंड ना फाड़ दी तो हम एक बाप का ना कहना.” यह कहते ही उसने मेरे होठों को अपने होठों से सी लिया और मेरे निचले होंठ को काटने लगा. दूसरे वाला मेरे स्तनों को और मेरी छूट को ज़ोर से मसालने लगा ओर उसने ज़ोर से अपने दाँत मेरे सूट में बाहर निकल रहे थोड़े से कंधे वेल भाग पर गाड़ दिए. मेरे मुँह से चीक और सिसकी एक साथ निकली. उस एक पल में मुझे दर्द और मज़े का एक साथ ऐसा एहसास हुआ के मेरे पायट मे बाल सा पड़ा और में उसी शान झाड़ गयी.

इतने में उस लड़के का खेत जो ज़्यादा डोर नहीं था वो आ गया. उनके खेत मैं पानी की मोटर के साथ एक ही कमरा था. उसके बाहर 3-4 मजदूर बैठे थे. आगे वेल लड़के ने गाड़ी से उत्तरते ही कहा, “ओये! आज तुम सब की छुट्टी है तुम सब घर जाओ अभी.”“जी बाबूजी!” ऐसा बोल कर वो सब जाने के लिए उठे. इतने में गाड़ी के पेचए वाली सीट का दरवाजा खोल कर एक लड़का मुझे गोड में उठाए बाहर निकला.“अरे यह तो वो आपके स्कूल वाली माईडूम है ना! वो बड़ी कोठी वेल सेठ जी की लौंडी? इसको छोड़ने लगे हो बाबा. भाई अपने तो हुमरा दिल खुश कर दिया! ऐसी माखन जैसी चिकनी गोरी कहाँ मिल्लेगी और वो भी अपनी ही मास्टर्णी! जेओ बाबू जेओ! और खूब जाम कर छोड़ना! रंडी बना देना आज साली को! और तू घबरा मत मस्टेरनी हम किसी से नहीं कहेंगे के तू इस मोटर पर किनसे चूड़ी है!”

एक मजदूर बोला.“अछा अछा अब तुम जल्दी जाओ यहाँ से,” एक लड़का बोला.“जाते हैं बौजी पर एक तकलीफ़ हो गी आपको. मोटर पर जो चारपाई है ना वो टूट गयी थी इस लिए बनने के लिए गये हुई है. आपको इससे अंदर कमरे में जो सूखे चारे का ढेर पड़ा है उसी पर छोड़ना पड़ेगा.” वो मजदूर जाता जाता बोला.उस एक पल में मेरे को एहसास हुआ के आज मैं कितनी बिगड़ गयी हूँ और मुझे अपने पर शरम आने लगी, लेकिन 4-4 लड़कों से एक ही साथ, खेत में सूखे चारे पर चूड़ने के बारे में सोच कर मेरी कामुकता बढ़ गयी. तब तक वो लड़का मुझे गोड से नीचे उत्तर चुका था. में खुद ही अपने आप उस मोटर के साथ बने कमरे के दरवाजे में घुस गये और पीछे मूड कर देखा तो चारो लड़के मेरी तरफ देख कर हास पड़े. “ बड़ी जल्दी है भाई मेडम को चूड़ने की आज, तो फिर शुरू हो जाए,” एक ने कहा और सभी हास पड़े. “हन हन जल्दी चलो,” दूसरा बोला.“अरे पहले मेडम से तो पूछ लो के हम से चूड़ना है के नहीं,” तीसरा बोला.“क्यों मेडम चूड़ोगी हुंसे,” एक ने सवाल किया.मैने शर्मा कर सिर नीचे कर दिया और दरवाजे की साइड पर खड़ी होगआई, जैसे उनका कमरे मे स्वागत कर रही हूँ.“चलो भाई हरी झंडी मिल गयी,” एक बोला.कमरे में घुस गये और दरवजह अंदर से बंद कर दिया और एक मधाम सी लाइट वाला बल्ब ओं कर दिया. chudai

एक ने आ कर मुझे पीछे से दबोच लिया और मेरे गाल और गर्दन को पीछे से चूमने लगा. तो दूसरा आगे से मेरे बिल्कुल साथ सात कर खड़ा हो गया. मुझे उसकी पंत में से कुछ मोटा मोटा सा अपने पायट पर चूबता महसूस हुआ. वैसा ही कुछ मोटा मोटा मुझे अपनी पीठ पर पीछे वेल से महसूस हो रहा था. दूसरे दो लड़के मेरे अगाल बगल खड़े बैठ कर मेरे पेन्सिल हील वेल सॅंडल खोल रहे थे. सॅंडल खुलते ही पहले एक ने मेरा पैर उठा कर एक सॅंडल निकाला फिर दूसरे ने दूसरा पैर उठा कर दूस्राव सैंडल उतरा. पीछे वेल ने मुझे कंधे से पकड़ कर और आयेज वेल ने टाँगों से पकड़ कर उठा लिया और सुखीं घास पर लैयता दिया.

अब आगे वाला मेरे उपर लाइट गया और मुझे गॅलन पर,होठों पर, गर्दन पर सब जगह किस करने लगा. फिर वो अपनी नाक रगड़ता हुआ मेरी गर्दन से मेरी छाती के बीच में से और पायट पर से होता हुआ मेरी छूट पर नाक रग़ाद कर मेरे उपर से नीच उत्तरा तो दूसरा मेरे उपर चाड गया और वैसे ही करने लगा. पहले वाला अपने कपड़े उत्तरने लगा. ऐसा चारों ने बार बार किया और आप चारों मेरे सामने नंगे खड़े थे. मैने देखा के उन सब की पीशब वाई पीपे जिसे हम बहू बुलाते हैं वो फुल कर बड़ी हो गयी थी और काफ़ी कड़ी कड़ी लग रही थी. मैने छोटे बचों को नंगा देखा है और उनकी बहू तो बहुति चोटती और ढीली ढीली होती है. पर इनकी कुछ अलग थी.“देख क्या रही है मेडम यह हैं तेरे स्टूडेंट्स के लॉर जो अब हमारी सेक्सी सुंदर और हद से ज़्यादा स्ट्रिक्ट टीचर जिसने मार मार कर हमारे गाल सूजा दिए उसकी छूट को फाड़ेंगी,” उनमे से एक बोला और ऐसा कह कर मेरे उपर लाइट गया और मुझे चाटने चूसने और चूमने लगा.

उसकी बहू (जिसे वो लॉरा कहता था) मेरी छूट को कभी कभी छू रहा था तो मुझे एक बिजली का एहसास होता था. फिर उसने मेरे सूट का पाला उपर उठा कर मेरी प्यज़ामी का नाला खोला और मेरी प्यज़ामी को खीच कर उत्तर दिया ओर पिछीए फेंक दिया. फिर दूसरे ने मुझे काढ़े से पकड़ कर बिता दिया और मेरी दोनों तारा टाँगें खोल कर मेरे पीछे बैठ गया. उसका लॉरा मेरी पीठ टच कर रहा था. उसने मेरे कमीज़ के पीछे से ज़िप मेरी कमर तक सारी की सारी खोल दी और मेरा कमीज़ उत्तर कर फैंक दिया.अब दो लड़के मेरे पैरों को चाटने और चूमने लगे और धीरे धीरे मेरी टाँगों को चूमते, चाटते और काटते हुए मेरी छूट की तरफ बढ़ने लगे. एक मेरी साइड पर बेता मेरी बाजू को चूम, छत और कर रहा था. मेरे पीछे वाला मेरी पीठ को चूम और छत रहा था. तभी मेरी टाँगों वेल लड़कों ने मेरी पनटी और मेरी पीठ वेल ने ब्रा खोल कर एक साथ उत्तर दी. अब मैं उनके सामने बिलकुक नंगी थी.

मुझे बदन पर बाल आचे नहीं लगते इस लिए मैं वॅक्सिंग कर के शरीर के हर हिस्से से बाल उत्तर देती हूँ.“अरे मेडम साली तू तो माखन से भी ज़्यादा चिकनी और गोरी है और तेरे गोल गोल बूब्स कितने प्यारे हैं,” एक बोला.“आज साली रंडी का सारा दूध पी जाएँगे और छूट फाड़ दे गे. साली क्लास में बहुत मारती और जलील करती है. आज इसकी छूट मरेंगे,” दूसरा बोला.“ओये! गद्दी मेरी, इसको लड़कियों की हेल्प से फसाने का प्लान मेरा, यह खेत मेरे बाप का, तो इसकी सील भी पहले मैं ही तोड़ूँगा!” उनमे से सम्ब्से बदमाश और सब से मोटी बहू/लॉर वाला बोला. दूसरे पीछे हट गये तो वो मेरे उपर लाइट गया. मेरी पीठ पर सूखा चारा रग़ाद खा रहा था पर मेरे अंधार की हवस मुझे इसका एहसास भी होने नहीं दे रही थी. हम दोनो एक दूसरे को किस करने लगे. मैं उससे लिपट गयी और वो मुझे चूसने लगा. उसनें मेरे बूब्स चूसे, मेरे पायट और नाभि को चटा, फिर दोनो हाथों से मेरे घुटने पकड़ कर मेरी टाँगें खोल दी और मेरी छूट चाटने लगा. मैं मज़े मैं पागल हो गयी और मेरे मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी. मेरा पायट अकड़ने लगा और मेरे अंधार एक बार फिर फुवरे फुट पड़े. अब उसने मेरी टाँगों को नीचे रखा और मेरी टाँगों के बीच आ कर अपने लॉर को मेरी छूट पे रख दिया.“ओये कॉंडम नही डालेगा क्या!” एक बोला.“सला कॉंडम लाया ही कौन है!” वो बोला.देख अब तेरे को तोड़ा दर्द होगा. सिर्फ़ कुछ देर के लिए होगा फिर वो ठीक हो जाएगा और तुझे बहुत मज़ा आएगा. मैं देख रहा हूँ तेरी सील नही टूटी है. चल तेरे को स्वराग की सैर करता हूँ. चल रंडी साली कुटिया मेडम!” वो मुझे बोला और उसने अपना लॉरा मेरी छूट मैं डालना शुरू किया. पर कुवारि छूट मैं लॉरा इतनी आसानी से नहीं जाता.