सेक्सी नीलम रानी – भाग ३

प्रिय पाठको, को मैंने पिछली अन्तर्वासना कहानी में बताया था कैसे मैं नीलम रानी के साथ एक गेम में हार गया था, जिसके फलस्वरूप मुझे नीलम रानी से उसके स्टाइल में चुदना था। आशा करता हूँ के आपने इस रोचक सेक्स कहानी का पिछला भाग पढ़ा होगा.. अगर नहीं पढ़ा तो ज़रूर पढ़िए… अब आगे.. indian chudai

मैंने पूछा- क्यों नीलम रानी… तेरी बलात्कार का ड्रामा खेलने की मर्ज़ी हो गई पूरी और साथ साथ में आदि मानव की चुदाई की भी? आया मज़ा मेरी जान को?’

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नीलम रानी इतरा के बोली- मज़ा तो ख़ूब आया राजा, लेकिन बहन के लौड़े तूने कितना ज़ोरों से कुचला है मेरे मम्‍मों को… हरामी ने मलीदा बना के रख दिया मेरे बदन का… लेकिन बहनचोद अभी तेरा गेम पूरा नहीं हुआ है..अभी तो राजा तुझे मेरे मुताबिक़ चुदना है… हो जा तैयार साले, आज तेरी माँ चोदती हूँ… ना तेरी गाण्ड फाड़ दी तो कहना!

मैं बोला- रानी तूने ही तो कहा था कि तुझे मेरे से रेप करवाना है… मैंने तुझे बताया था ना रेप में तेरे शरीर की ख़ूब कुटाई होगी… बताया था या नहीं?

अभी तो शुक्र कर कि मैंने तुझे आदि मानव की तरह नहीं चोदा नहीं तो तेरा हाल खस्ता हो चुका होता… अब तू कर जो तुझे करना है… फाड़ दे बहन चोद मेरी गाण्ड… जिसमें मेरी नीलम रानी खुश, उसी में मैं भी खुश!

‘हाँ राजे तूने सब बताया था… मगर मुझे मज़ा भी तो बेहिसाब आया रेप करवाने में… कुटाई करवाने में… राजा तू सच में बहुत बड़ा हरामी है… अब देख साले जो मैं बताती हूँ, वही करे जा चुपचाप…’

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इतना कह कर नीलम रानी ने मेरा एक गहरा और ख़ूब गीला चुम्बन लिया और लगी अपने पर्स को खंगालने।

उसने पर्स में से दो रस्सियाँ निकालीं। रस्सियाँ सूती थीं और करीब आधा इंच मोटी थीं और करीब आठ फुट लम्बी थीं।

उसने मुझ से बेड पर बिछा हुआ गद्दा सिर की तरफ से उठाने को कहा।

जब मैंने गद्दा उठा दिया तो उसने एक रस्सी गद्दे के नीचे डाल के उसके सिरे बेड के आर पार निकल दिये।

फिर उसने रस्सी की सिरे आगे पीछे किये ताकि दोनों साइड में रस्सी के सिरे बराबर की लंबाई के बाहर निकले रहें।

फिर नीलम रानी ने मुझे गद्दे का पैरों की तरफ वाला हिस्सा उठाने को कहा। मैंने उठाया तो उसने पहले की तरह दूसरी रस्सी को बेड के आर पार डाल के दोनों सिरे बराबर लंबाई के सेट कर दिये।

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मैं समझ नहीं पा रहा था कि रानी क्या करना चाहती है।

अब उसने मुझे बिस्तर पर लेट जाने को कहा।

मैं लेट गया और उसने रस्सी के एक छोर से मेरा दायां हाथ कस के बांध दिया और उसी रस्सी के दूसरे छोर से मेरा बायाँ हाथ बांध दिया।

नीलम रानी अच्छे से होम वर्क करके आई थी, उसने पूरा हिसाब लगा कर ही ऐसी लंबाई की रस्सी ली थी जिससे मेरे दोनों बाज़ू पूरे फैलाकर हाथ बांधे जा सकें।

मेरी कलाइयाँ बांधने के बाद नीलम रानी ने उसी प्रकार दूसरी रस्सी के एक एक सिरे से मेरी टांगें फैला कर टखनों से कस के बांध दिये।

अब मैं चारों खाने चित्त बेड पर पड़ा हुआ था, न मैं अपने हाथ हिला सकता था और न टांगें।

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एक बाज़ू हिलाता तो उसी रस्सी के दूसरे छोर पर बंधा हुआ मेरा दूसरा बाज़ू खिंचता और कोई सी भी टांग हिलाने की कोशिश करता तो दूसरी टांग खिंचती।

इस प्रकार नीलम रानी ने मुझे बिल्कुल जाम कर दिया था बेड पर, और अब कोई भी मेरे साथ कुछ भी कर सकता था।

मैं एकदम निस्सहाय पड़ा हुआ था और बड़े कौतूहल से आगे होने वाली घटना का इंतज़ार कर रहा था।

आज कुछ बिल्कुल नया होने वाला था। न जाने क्या खुराफात नीलम रानी की खोपड़ी में आज घुसी हुई थी। यह हरामी लड़की इतनी ज़बरदस्त चुदक्कड़ निकलेगी, यह मैं सपने में भी नहीं सोच सकता था।

कौन कह सकता था कि इसकी चूत की सील कुछ ही दिन पहले फाड़ी गई थी।

ऐसा लगता था, न जाने कितने सालों से यह चुदाई के भांति भांति के खेल खेलती आ रही है।

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नीलम रानी चढ़ के मेरी छाती पर बैठ गई और अपने हसीन मम्‍मों के नीचे हाथ रख कर लगी ऊपर नीचे हिलाने।

क्या मस्त उछल कूद कर रहे थे नीलम रानी के बड़े बड़े चूचे।

उसकी चूचियाँ मचल मचल कर मुझे तड़पाये जा रही थीं, लण्ड अकड़ चुका था और एक गुस्साये नाग की तरह फुंकारें मार रहा था।

नीलम रानी हिलाते हिलाते चूचियों को बिल्कुल मेरे मुँह के सामने ले आई।

मैंने हुमक कर एक चूचा मुँह में ले लिया और लगा ज़ोर ज़ोर से चूसने।

खूब मस्ती में आकर मैंने दो तीन बार चूची को काट भी लिया।

नीलम रानी बस कुछ ही देर मेरे मुँह में एक चूची रहने देती और फिर दूसरी चूची दे देती।

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कुछ देर तक यह खेल करने के बाद नीलम रानी ने यकायक मेरा मुँह अपनी चूचियों के बीच में कस के फंसा दिया। उसकी चूचियों के बीच की जगह में मेरा मुँह और नाक थे और चूचे मेरे गालों पर।

नीलम रानी ने अब मम्मों से मुझे मुँह पर खूब रगड़ा।

साथ साथ वो ऊँची अवाज़ में कहे जा रही थी- ले बहन चोद कुत्ते, ले मेरे मम्मे सूंघ… जीभ बाहर ले भोसड़ी के… सूंघता जा और चाटे जा बहन के लौड़े… ले ले ले… कमीने!

मैंने जीभ निकाल ली, उसके मस्त चूचे सूंघे गया और चाटे गया।

बड़ा लुत्फ आ रहा था नीलम रानी के इस नये स्टाइल में।

फिर नीलम रानी ने अपने मम्मे मेरे मुँह से ज़रा सा दूर कर के मुझे कहा कि मैं अब उनको चाट चाट के मज़ा लूँ।

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