स्कूल टीचर की चुदाई

तो इस बार वो लड़का मेरे चुट्त्रों में हाथ फेरने लगा. फिर उसने कन में कहा, “मा’आम अगले स्टॉप पर पीछे की सीट खाली हो रही है, आप मेरे और मेरे दोस्त के बीच मैं बैठ जान. बाकी दोनो लड़के और लड़कियाँ आयेज खरी हो जाएँगी ता के क़िस्सी टीचर को आयेज से पता ना चले.” मैं कुछ नहीं बोली. मैने देखा के बाकी दोनो लड़कियाँ असल में मज़े से दूसरे दो लड़कों का हाथ अपनी गांद में ले रही थी. वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी. तब मेरे पीछे वेल लड़के ने मेरे कन में कहा, “यह दोनो तो पिछले दो साल से हम से चुड रही मा’आम आप इनकी परवाह ना की जिए. इनका कम अब पूरा हो गया अब इन्हे अगले सनडे मज़े से छोड़ेंगे. आज आप का नंबर है.” मैं कुछ ना बोली और चुप रही.अगले स्टॉप पर पीछे वाली सीट खाली हुई तो मेरे पीछे वाला लड़का डानहिनी तरफ बेत गया, मैं चुप छाप बीच मैं बेत गयी दूसरा लड़का मेरे बनहिने तरफ बेत गया. बाकी दोनो लड़के और लड़कियाँ हमारे आयेज खरी हो गयइ.

बस चलने लगी तो मानो मेरे बगल वेल लड़कों को जैसे खुल्ली छूट मिल गयी हो मेरे साथ खेलने की, मेरे ख़ज़ाने लूटने की. डानहिनी तरफ वेल लड़के ने एक बाजू मेरे सर के पीछे सीट पर पसार दी और दूसरे हाथ को मेरी नरम और बारिश के ठंड मे मेरे जिस्म की गर्मी की वजह से गर्म डानहिनी जाँघ पर रख दिया और उसे सहलाने लगा. बनहिनी और वाला लड़का अपने मेरी तरफ वेल हाथ से मेरी बनहिनी जाँघ को सहलाने लगा. मेरी साँसें एक दूं से तीज़ और गरम हो गयी और मेरा सर हल्का हल्का महसूस होने लगा. पहली बार क़िस्सी लड़के का स्पर्श मेरी झंघों पर हुआ था. मैने आँखें बंद करली. दोनों लड़कों ने अपने हाथ मेरी जांघों पर उपर की तरफ सरकए और मेरे कमीज़ के पाले के नीचे से सरकते हुए मेरे पेट के तरफ बढ़ा दिए. मैने अपनी आँखें बंद करली. तभी एक लड़के ने

अपने हाथ को मेरी जांघों के बीच मेरी योनि की तरफ सरकने की कोशिश की तो मेरे मुँह से हल्की सी सिसकी छूट गयी और मैने अपनी दोनों टाँगों को ज़ोर से इकाता कर लिया और अपने हाथों से दोनों लड़कों हाथों को पकड़ लिया और मेरे मुँह से ज़ोर से एक सांस निकली. इस पर मेरे डानहिनी तरफ वेल लड़के ने अपने होठों को मेरे होठों पर रख कर ज़ोर से से लिया और मेरे होंठ चूसने लगा. मेरी तो मानो जान ही निकल गयी हो. मेरे होश उडद गये. मेरा सिर बिल्कुल हल्का हो गया, मेरे श्रीर के लोएँ खड़े हो गये और वो मेरे होंठ चूस्ता रहा. यह मेरी ज़िंदगी का पहला चुंबन था. उसने मेरे सर के पीछे वेल अपने हाथ से मेरे सर को पकड़ कर हमारे होठों को कस कर सी लिया. और उसी पल मेरी बनहिनी तरफ वेल लड़के ने अपने दूसरे हाथ से मेरी छाती पकड़ ली और उसे मसालने लगा.

मेरी साँस फुल्ल ने लगी और मैने अपने दोनो हाथों से उसके हाथ को पकड़ कर रोकने लगी तो दोनो लड़कों ने मेरी जांघों वेल हाथों से हल्का सा ज़ोर लगा कर मेरी टाँगों को खोल दिया और डानहिनी तरफ वेल लड़के ने तपाक से अपना हाथ मेरी प्यज़ामी के उपर से मेरी योनि पे रख दिया और उसे उपर से ही सहलाने लगा. मेरे पायट मे अकड़ाव पैदा हुआ और फिर एक ज़ोर का झटका लगा और मेरे पेट मैं फुवरे फूटने लगे. मैं झाड़ चुकी थी. इस पर उस लड़के ने मेरे होंठ चूसने बंद कारडीए और मेरी साँस भी ठीक हो गयी. फिर दूसरा लड़का मुझे किस करने लगा, तो पहले वाला बोला, “वा भाई मज़ा आ गया आज तो अँग्रेज़ी वाली को आचे से चूसा है और अब आचे से छोड़ेंगे भी. साली मारती बहुत ज़ोर से है. आज उतने ही ज़ोर से हम इसकी मरेंगे.” और फिर वो बरी बरी मुझे चूमने लगे. थोड़ी देर बाद जो लड़के हमारे सामने खड़े दूसरी लड़कियों की गांड मैं उंगली कर रहे थे उन्होने कहा, “ छल्लो बहुत हुआ अब हमें भी तो तोड़ा मेडम का मज़ा लेने दो. चलो तुम इधर आ कर इन लड़कियों के मुम्मों को तोड़ा मसल दो. यह भी बहुत गरम हैं आज ठंड में.”फिर उन चारों ने जगह बदल ली.

अब दूसरे दोनो लड़के मुझे किस करने और मेरी छाती और योनि को सहलाने लगे. फिर उनमे से एक ने मेरी प्यज़ामी का नाला खोलना शुरूकिया तो मैने अपने दोनों हाथोने से नाला पकड़ लिया तो दोनों लड़कों ने मेरी चुनरी के नीचे से मेरी कमीज़ के गले मे से हाथ दल कर मेरी एक एक ब्रेस्ट पकड़ ली और उन्हे मसालने लगे. मैं पूरी मदहोश हो चुकी थी और मैने अपने हाथ दोनो के एक एक जाँघ पर रख दिए और उनके किस के बदले में उन्हे किस करने लगी. बड़े अजीब पर माझेदार चुंबन थे. हर बार जब वो मुझे चूमते तो अपने जीभ मेरे मुँह में डाल देते. चारों लड़कों ने शायद पोलो मिंट बहुत खा रखी थी इस लिए उन्हे किस करते हुए मुझे मीठा मीठा लग रहा था. तभी मोका पाकर उनमे से एक ने मेरी प्यज़ामी का नाला खोल दिया और मेरी प्यज़ामी और पँति को एक साथ नीचे खींचने लगा. पता नहीं मुझे क्या हुआ मैने भी अपनी गांद सीट से उपर उठा दी और उनसे मेरी प्यज़ामी और पनटी मेरे घुटनों तक खीच दी. desibees

फिर उसने अपनी उंगली को अपने मुँह मे दल कर गेल्ला किया और मेरी छूट के हल्का सा अंदर उपर उपर घूमने लगा. है मा! मैं तो पागल सी हो गयी मेरे मुँह से तेज़ तेज़ साँसें निकलने लगी. और में उसी पल फिर ज़्ाद गयी. मेरे झाड़ते ही उसने मेरी पनटी ओर प्यज़ामी को उपर कर दिया और मेरा नाला दुबारा बाँध दिया. फिर वो बोला, “मा’आम आप घर फोन कर डेजिए के आप अपनी सहेली के घर जा रही हो और हमारे स्टॉप पर ही उत्तर जान. वहाँ पर हमारी काले शीशे वाली वन खड़ी है पार्किंग में. हम हुमारे खेत चलते हैं. फिर शाम को हल्का सा अंधेरा होते ही आपके मोहाले के पास छोड़ देंगे.” मैं ने कुछ नहीं कहा और चुप छाप अपने पर्स से मोबाइल निकल कर मेरे घरवालों को स्मस कर दिया. जब उनका स्टॉप आया तो मैं वोहीं उत्तर गयी. मेरी साथी टीचर ने पूछा, “अरे तुम कहाँ छुपी बैठी थी और तुम यहाँ क्यों उत्तर रही हो?”मैने कहा, “जी मैं यहाँ अपनी एक सहेली के घर जा

रही हूँ, वो कुछ दिन पहली ही हॉस्टिल से वापस आई है. आज किस्मत से छुट्टी हो गयी तो मैने सोचा उसे मिल लूँ. और मेरा तोड़ा सर दर्द कर रहा है, इस लिए पीछे की सीट पर लाइट कर तोड़ा सो गयी थी.”अरे आज कल की लड़कियाँ कुछ खाती पीटी तो है नहीं, फिर तोड़ा मौसम बिगड़ते ही बीमार हो जाती है. अभी कुछ दिन पहले भे ये बीमार हो गयी थी. तेरी मा से बोलूँगी के तेरी लड़की को कुछ अछा खिलाया कर, कैसे सुख के मारी जा रही है!” उनमे से सबसे बड़ी टीचर जो मेरे दादाजी को जानती थी वो बोली.“जे आंटी ज़रूर बता देना. पर मैं इतनी भी कमजोर नहीं हूँ. आप मुझे कभी अपनी क्लास के मुश्टंडों की पिटाई करते देखना, फिर पता चलेगा आपको,” मैं हंसते हुए बोली और बस से उत्तर गयी.से उत्तर कर मैं पीछे की तरफ चल पड़ी और एक साइड वाली गली में मूड गयी और एक तन्हा स्पॉट पर जा कर खड़ी हो गयी. कुछ ही पल में एक काले शीशों वाली वन आ कर मेरे सामने रुकी ओर उसका सेकेंड सीट वाला दरवाजा पीछे सरका. उसमे से मेरा स्टूडेंट बोला, “अंदर आ जाओ मेडम.” अंदर दो लड़कों के बीच में एक जगह खाली थी और दो लड़के गाड़ी में आगे बेते थे. जैसे ही मैं गाड़ी के अंधार घुस कर बेत्ने लगी, डोर वेल लड़के ने मुझे कमर से पकड़ कर ज़ोर से अपनी गोद में खीच लिया. desibees antarvasna