लॉकडाउन के दौरान माँ-बेटे के बीच गुप्त सेक्स चैट ओर चुदाई – 2

माँ: मुझे गर्व है मेरा बेटा मेरे लिए इतना सोचता है ओर मेरा इतना ध्यान रखता है. तू मेरा इतना सोच रहा है तो मैं तुझे बता देती हूं तेरे पापा के जाने के बाद ऐसा नही है कि मैंने सेक्स नही किया. इन 13 सालो में मैंने सेक्स का बहुत एन्जॉय किया है और मेरे काफी बॉयफ्रेंड रहे है. Maa ki chodayi ka mazaa le..

बेटा: ये अच्छा है कि आप अपनी सेक्स जिन्दगी जी रही है…अगर आप बुरा ना माने तो क्या आप बताओगे की आपके कितने बॉयफ्रेंड रहे है?

माँ: क्या तू अपनी माँ के बारे में जानना चाहता है तो तुझे अपने बारे में भी बताना पड़ेगा

बेटा: ठीक है, आप जो पूछोगे बताउगा, पहले ये बताओ आपको कितने लड़को ने चोदा है

माँ: तलाक होने के बाद 12 या 13 लड़को ने

Part 1 – लॉकडाउन के दौरान माँ-बेटे के बीच गुप्त सेक्स चैट ओर चुदाई

बेटा: सच में? ( फिर माँ की गांड पे हल्का सा थापड़ मरते हुए मैं बोला : आप तो बहुत नॉटी माँ हो)

माँ: तूने कितनी लड़कियों को चोदा है

Maa ki chodayi ka plan bana tha mera..

बेटा: 5 औरतो को, जिस में से 2 काफी बड़ी थी शायद 40 के आस पास

माँ: तू भी कम खिलाड़ी नही है (माँ के मेरी गांड पे थापड़ मारते हुए बोला)

बेटा: आपको पोर्न फिल्मे देखने का शौक है?

माँ: पोर्न देखी हुई है लेकिन मुझे पोर्न से ज्यादा देसी कहानिया पसंद है और तुझे क्या पसंद है

बेटा: मुझे भी कहानियां ज्यादा पसंद है

माँ: क्या तू मुझे कुछ कहानिया भेज देगा?

बेटा: अब हम दोस्त बन है तो इतना तो करना है पड़ेगा…. और क्या क्या किया है आपने?

माँ: बाकी बातें बाद में करेगे मुझे अब बहुत तेज नींद आ रही है

हमारी जिंदगी बिल्कुल बदल चुकी थी, हुम् इतना ज्यादा खुल गए थे कि हम अब एक दूसरे से कुछ भी बात कर लेते थे, अब मैंने ऐसे ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया जो माँ कभी सोच भी नही सकते थे. सुबह जब मैं नीचे गया तो देखा माँ रसोई में थी और चाय बना रही थी. माँ को मैंने ऊपर से नीचे तक निहारा ओर देखा कि माँ के निप्पल टीशर्ट के ऊपर से टाइट दिख रहे थे, माँ को मैंने पीछे से जाकर पकड़ा.

माँ: ये क्या कर रहा है, ज्यादा प्यार आ रहा है माँ पे

बेटा: माँ पे तो हमेशा से आता है लेकिन ये प्यार अब माँ और दोस्त दोनों पे है

माँ: दोस्त के लिए बॉयफ्रेंड बनवाने का वादा याद है ना?

Sexy maa ki chut chodayi

बेटा: लगता है चुदाई के मज़े लेने के लिए एक दम तैयार हो, इसीलिए निप्पल इतने टाइट हो रहे है

माँ: चाय पीते है, ओर ये निप्पल चुदाई के लिए नही सुबह की वजह से कड़क है जैसे तेरा औज़ार खड़ा हैं.

फिर हमने चाय पी और अपने अपने काम में लग गए.माँ के घर का काम खत्म किया और मैं बाजार जाकर घर के लिए दूध, राशन ले आया और फिर हमने फ़िल्म देखी तो ऐसे है एक दूसरे को छेड़ते हुए दिन निकल गया. कई दिनों से चैटिंग करते हुए नींद पूरी नही हो रही थी उस रात हुम् जल्दी सो गये. सुबह हम दोनों 6 बजे उठ गए, पहले एक साथ योगा किया फिर माँ ने चाय बनाई और हमने चाय पी. अचानक से माँ बोली लॉकडाउन की वजह से हम दोनों इतने अच्छे दोस्त बन गए है शायद ये कभी नही होता अगर लॉकडाउन नही होता, लेकिन घर में बैठे बैठे अजीब सा होने लगा है पता नही ये लॉकडाउन कब तक चलेगा.

इस समय तो बाहर जाना मुश्किल है लेकिन अगर आपको बाहर चलना है तो जल्दी से तैयार हो जाओ हम मोटरसाईकल पे कहीं घूम कर आते है.

माँ: लेकिन कहा जायेगे?

बेटा: एक जगह है जयपुर से थोड़ा दूर हैं लेकिन शाम तक आ जायेंगे, बस आप ऐसे कपड़े पहनना की बाइक पे आराम से बैठ सको.

हम दोनों आधे घंटे में तैयार होकर अपने कमरे से बाहर आये. माँ ने नील रंग की जीनस ओर सफेद रंग की टीशर्ट पहनी थी, माँ बला की खूबसूरत लग रही थी.

बेटा: माँ बहुत सुंदर लग रहे हो, काला टीका लगा लो कहीं नजर ना लग जाये

माँ: हम कह चल रहे है?

बेटा: आज हम जहा जा रहे है ऐसी जगह आपने कभी नही देखी होगी

हम बाइक पर बैठ कर निकाल गए, करीब डेढ़ घंटे के बाद एक सुनसान इलाके में पहुचे जहा पे सिर्फ एक झोपड़ी थी जिस पर ताला लगा हुआ था, पास मैं एक छोटा सा तालाब था ओर बाकी सब तरफ हरियाली ही हरियाली थी
माँ: ये तु मुझे कहा ले आया?

बेटा: कैसी लगी आपको ये जगह

Chodayi ke kamuk kisse

माँ: जगह तो बहुत अछि है लेकिन बहुत सुनसान है

बेटा: आप बस जगह का आनंद लो, शाम तो हम यह से निकल जाएंगे ओर फिर मैंने उस झोपड़ी का ताला खोला और अंदर गए. वहां मैंने माँ के लिए चाय बनाई और हमने चाय सिगरेट का सेवन किया और जंगल की तरफ हमने निकल गए. जब तक हम लौट कर आये शाम हो चुकी थी फिर हम थोड़ी देर तालाब में पैर डाल कर बैठ गए और माँ उस जगह की तारीफ ही किये जा रही थी.

माँ: काश हम यह 2 -3 दिन के लिए रुक पाते.. पहले बताया होता कि ऐसी जगह है हम कपड़े लेकर आते और कुछ दिन रुकते यहां पर

बेटा: मैं खुश हूं आपको ये जगह पसंद आई, यह तो हम कभी भी आ सकते है,अब अंधेरा होने लगा है चलो चलते है.

लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, जैसे है माँ खड़ी होने लगी वहां पर जमी हुई काई की वजह से वो फिसल के तालाब में गिर गयी और उनको बचाने के लिए मैं वही तालाब में कूद गया. जब हम बाहर आये तो नज़ारा देखने लायक था हम दोनों गीले हो चुके थे और माँ के उभार कपड़े फाड़ के बाहर आने को तैयार थे. सफेद टीशर्ट एक दम पारदर्शी हो गयी थी और साफ दिख रहा था आधे से ज्यादा चुचे ब्रा के बाहर थे. मैं तो माँ को ही घूर रहा था कि अचानक माँ ने बोला

माँ: अब क्या करेंगे?

बेटा: अब तो हम दोनों ही गीले हो गए है और बाहर जाना मुमकिन नही है, लगता है रात यही गुजारनी पड़ेगी

माँ: लेकिन कपड़ो का क्या करगे

बेटा: कपड़े तो सूखने के लिए डालने है पड़ेगे

माँ: पर कैसे, हमारे पास तो ओर कपड़े भी नही है

बेटा: माँ कुछ समय के लिए तो नंगा है रहना पड़ेगा, यहां कोई आता नही हैं तो कुछ समय के लिए नंगा रहने में कोई समस्या नही है

माँ: लेकिन तेरे सामने कैसे?

बेटा: (माँ को थोड़ा सा छेड़ते हुए) नंगा तो मैं आपको देख चुका हूं पहले ही, आज साक्षात दर्शन हो जायेगे

माँ: पहले तू उतार के सुख दे, फिर मैं सूखा दूँगी

मैंने जल्दी से अपने कपड़े उतारे ओर झोपड़ी के पीछे सुख आया फिर माँ झोपड़ी के पीछे गयी.माँ ने आवाज़ लगाई – मेरा कपड़ा झाड़ी में अटक गया है निकल दे. वह जाकर देखा तो माँ की टीशर्ट अटकी हुई थी, टीशर्ट को निकालने के बाद मैंने माँ से पूछा मैं है कपड़े निकाल के सूखा देता हूं

माँ: ठीक है कुछ हरकत मत करना

धीरे धीरे माँ के एक एक कपड़े निकलता गया. पहले टीशर्ट निकली तो 2 बड़े बड़े तरबूज मेरे सामने थे. मैं बोलै जब ये चुचो को संभाल है नही पाते तो पहनते ही क्यों हो, माँ बस हँस दी. मैंने जल्दी से ब्रा खोल कर दोनों चुचो को आज़ाद कर दिया. मेरी उम्मीद से ज्यादा बड़े थे चुचे, मैंने छूने की कोशिश की लेकिन माँ के हाथ रोक दिया.

फिर मैं माँ की जीन्स उतारने के लिए बढ़ा, बटन ओर चैन चोल कर एक झटके में जीन्स उतार दी, माँ की चूत की खुशबू पैंटी से होती हुई मेरे जिस्म में जा रही थी और मेरे अंदर का हैवान जाग रहा था. मैंने एक उंगली पैंटी मैं डाली और नीचे की तरफ खीचना चालू किया उसी बीच अपनी उंगली को चूत पर रगड़ दिया और एक जोरदार सीसीसीसीसीसीसीसीसीस…………………सीसीसीसीस की आवाज़ आयी. अब माँ जो कि अब एक सेक्स की देवी का रूप ले चुकी थी मेरे सामने नग्न अवस्था में खड़ी थी. मैं माँ की चूत को घूर रहा था कि अचानक ही मेरे अंदर से फूंक निकली जो कि चुत से जा टकराई और माँ ने अपने होठ अपने दांत में दबा लिए, मुझे पता लग गया था माँ आज घोड़ी बनने के लिए तैयार है लेकिन तरसाने के बाद चुदाई का जो मज़ा है वो किसी ओर चीज में कहा.

इसके बाद हम तालाब के पास आकर बैठ गए और मैं जॉइंट बनाने लगा….हम दोनों ने जॉइंट बड़े आराम से खत्म किया, माँ पे हल्का नाश चढ़ गया था , मैंने माँ से कहा कि चलो तालाब में नहाते है. फिर हम दोनों तालाब में चले गए, माँ मुझे पकड़े हुए थी और हम एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे कि अचानक मैंने अपने दोनों हाथों से माँ की गांड को दबोच लिया, एक झटका लगा और वो मेरे और करीब आ गयी.

जैसे जैसे मैं गांड से खेल रहा था माँ के अरमान बाहर आ रहे थे और माँ ने आंखे बंद कर ली और माँ ने अपने होठ मेरे होठो में घुस दिए और हम एक दूसरे को ऐसे चुम रहे थे कि ये शाम फिर नही आएगी.

चूमते हुए मैंने माँ को उल्टा किया अब मेरा लण्ड माँ की गांड को टच कर रहा था और उसकी गांड मे घुसने को तैयार था और माँ की तरफ से कोई विरोध नही हो रहा था. मैंने माँ के दोनों चुचे अपने हाथों की गिरफ्त में ले लिए और उन्हें मसलने लगा, माँ भी पूरा मज़ा ले रही थी और हल्की हल्की आवाज़ आ रही थी मममममममम आआआआ…………… मममममममम आआआआआआ, मैं धीरे धीरे अपना हाथ माँ की जिस्म पर घुमा रहा था और अपना एक हाथ माँ की मोटी फुली हुई चुत पे रखा और माँ के मुंह से आनंदमयी आवाज़ निकली आह आह आह आह………आह आह आह, और आवाज़ धीरे धीरे तेज़ हो रही थी. मैं माँ की चुचे, चुत और गांड के साथ एक साथ खेल रहा था, माँ इस लम्हे का भरपूर मज़ा लूट रही थी. माँ ने धीरे से हाथ पीछे की तरफ घुमा कर मेरे लण्ड को पकड़ लिया जो कि एक जहरीले साँप की तरह फनफना रहा था.

chodayi maa ki kar di maine

जैसे जैसे अंधेरा बढ़ रहा था हमारी मस्ती परवान चढ़ रही थी, मैंने माँ को अपनी बाहों में उठाया और तालाब के बाहर आकर माँ को घास पर लिटा दिया और हम एक दूसरे को पागलो की तरह चूमने लगे, माँ के एक चुचे को मुँह में लेकर चूस रहा था और दूसरे चुचे को हाथ से मसल रहा था, दोनों चुचो को अच्छे से चूसने के बाद में धीरे धीरे नीचे की ओर बढ़ा, और अपना मुंह माँ की मादक चुत पे टिका दिया, और अभी जीभ से चुत को चाटने लगा, बीच बीच में चुत के दाने को अपनी जीभ से छेड़ देता तो माँ एक दम उछल जाती, माँ के मेरे बालो को पकड़ रखा था और अपने पैरों से मुझे जकड़ा हुआ था,जैसे ही मेरा सिर माँ की चूत से हटता जो जोर से अपनी चुत पे वापिस लगा देती, माँ की आवाज़, चुत की खुशबू माहौल को ओर सेक्सी बना रही थी.

फिर माँ ने मुझे नीचे लिटा लिया और मेरी जांघो पे चूमने लगी, अपनी माँ को लण्ड के करीब आते देख पूरे शरीर में आग लग रही थी, अचानक माँ ने लण्ड को मुँह ले लिया और चुस्न क्रिया चालू की, जिस तरह से वो अपनी जीभ को लण्ड के सुपाटे पे घुमा रही थी उससे पता लग रहा था बहुत खेली हुई औरत है, माँ के लण्ड के चूसने से ऐसा लग रहा था जैसे लण्ड में तूफान सा आ गया है, उधर माँ जोर जोर से लण्ड को चूस रही थी और इधर मेरा बुरा हाल था.

फिर माँ मेरी आँखों में देख कर मुस्कुरा रही थी, तभी मैंने उसको कुतिया बनने को कहा, मेरी बात सुन कर वो तुरंत टांग खोलकर कुतिया बन गयी और बोली “अब बर्दास्त नही होता जल्दी से अपने लण्ड को डाल अन्दर, मैंने बिना समय गवाए अपने लण्ड को मेरी कुतिया के चुत पर रख दिया, चुत एकदम गीली थी तो एक ही झटके में अंदर चला गया और माँ के मुँह से एक जोरदार आवाज़ आयी आआआआआआआआ हहहहहहहह और जैसे जैसे झटको की रफ्तार बढ़ती गयी माँ के शब्दों का रूपांतरण होता गया….. चोद अपनी इस कुतिया को, फाड़ दे चुत अपनी माँ की, बना ले मुझे अपनी रंडी… माँ के मुँह से ऐसे शब्द सुन कर मुझे ओर जोश आ गया और झटको की रफ्तार ओर तेज़ होती गयी. मानो ऐसा लग रहा था जैसे चुत और लण्ड में तूफान आ गया था, पूरे माहौल में फच फच फच…… फच फच की आवाज़ें गूंज रही थी और फिर अचानक माँ का शरीर ढिला होने लगा और मेरे लण्ड से पिचकारी निकली और सारा माल माँ की चूत में गिरा दिया और एक दूसरे के बाजू में निढाल होकर लेट गए.

बेटा: कैसा लगा माँ

माँ: बहुत मज़ा आया, ऐसा लगा आज तू मेरी चुत फाड़ देगा.

बेटा: मेरी रंडी माँ, अब तो ऐसी चुदाई रोज़ होगी और हम नई नई चीजें करेगे

और फिर हमने एक दूसरे को चूमा फिर माँ बोली क्या हम यह 1-2 ओर बीता सकते है?

इसके आगे की कहानी दूसरी पोर्न कहानी में लिखूंगा, ये सच्ची कहानी कैसी लगी बताने के लिए मेल करो: [email protected] or [email protected]