नीलम रानी त़ड़प उठी और बिलबिला कर भिंची हुई आवाज़ में बोली- बहन चोद…कमीने…रुक क्यों गया कुत्ते? मेरे तन बदन में आग लगा कर बहन का लौडा अब मज़ाक कर रहा है…चोद साले चोद…ज़रा भी रूका तो हरामी की गोलियों की चटनी बना दूंगी।’
नीलम रानी ने कस के मेरे बाल जकड के खींचे और खुद ही नीचे से अपनी चूत उछालने लगी।
मैंने नीलम रानी के मस्त चूचे पकड़ लिये और लगा उन्हें कस के दबाने।
चूचियाँ निचोड़ते हुए बीच बीच में मैं उसके निप्पल ज़ोर से उमेठ देता। नीलम रानी अब मज़े के आवेश में बौरा चुकी थी। हाय…हाय…सी…सी.. करते हुए उसने अपने होंठ दांतों में दबा लिये और लगी मचल मचल के धक्के लगाने।
हालांकि उस से कोई बहुत तगड़े धक्के नहीं लग पा रहे थे लेकिन वो चेष्टा पूरी कर रही थी।
‘चोद राजा…चोद… अब बस धमाधम चोदे जा अपनी नीलम रानी को… आज इस हरामज़ादी चूत का कीमा बना दे ठोक ठोक के!’ नीलम रानी की गुहार सुन कर मैंने भी जोश खाया और हुमक हुमक के नीलम रानी की चूत में पूरा लण्ड ठेल के धक्के लगाने लगा।
दे धक्के पे तगड़ा धक्का !
दे तगड़े धक्के पे और तगड़ा धक्का !!
दमादम मस्त कलन्दर…धम्म धम्म धम्म…धम…धम…धम…!!!
Antarvasna Chudai kahani > क्या तुम फ्री हो?
मैं लण्ड पूरा बाहर निकालता और एक धमाके से जड़ तक उसकी रसभरी फ़ुद्दी में लौडा ठूंस देता…
दमादम मस्त कलन्दर… धम्म धम्म धम्म…धम…धम…धम…!
जैसे ही मेरे लण्ड की जड़ नीलम रानी के चूत प्रदेश से टकराता, एसी आवाज़ आती जैसे की किसी ने किसी को ज़ोर का थप्पड़ रसीद किया हो और साथ ही एक पिच्च्च की आवाज़ भी आती…
दमादम मस्त कलन्दर….धम्म धम्म धम्म..धम…धम…धम…!!!
नीलम रानी ने अपनी आँखें अब मूंद ली थीं और वो हाँफ रही थी मानो एक लम्बी तेज़ दौड़ लगा कर आई हो।
मेरी सांस भी तेज़ हो चली थी और मेरे अंडों में एक दबाब सा महसूस होने लगा था।
अब रुकना मेरे लिये भारी होता जा रहा था, मैंने हचक के नीलम रानी के मतवाले चूचे कस के जकड़े और दस पंद्रह धक्के खूब ज़ोर ज़ोर से लगाये।
नीलम रानी की मज़े में चीखें निकल गईं।
चुदाई की पिच्च्च…पिच्च्च…पिच्च्च से कमरा गूंज उठा, बेड की चूलें हिल गईं।
नीलम रानी के चूचों को पूरी तरह से कुचलता हुआ मैं झड़ा और खूब झड़ा।
Antarvasna Chudai kahani > बेताबी चुदाई की
लण्ड से धड़ाधड़ छूटते हुए लावा से नीलम रानी की चूत भर गई।
नीलम रानी सीत्कार पर सीत्कार भरने लगी और उसकी चूत से भी दनादन रस की तेज़ फुहार छूटी।
उसने मुझे जकड़ लिया जैसे ही मैं धड़ाम से बेहोश सा होकर उसके ऊपर ढेर हुआ।
हमारी साँसें बहुत ही तेज़ तेज़ चल रही थीं। नीलम रानी बार बार मुझे मुँह पर चूमे जा रही थी और राजा राजा कहे जा रही थी।
वो मेरे प्यार में पहले से ही दीवानी थी और इतनी मस्त, मज़ेदार चुदाई का आनंद लूटकर और भी दीवानी हो चली थी।
हम काफी देर तक यूं ही पड़े रहे और एक दूसरे के पसीने में लथपथ बदन से लिपटे रहे।
यूं ही चिपके चिपके पड़े रहने में भी बड़ा मज़ा आ रहा था।
मैंने पूछा- क्यों नीलम रानी… तेरी बलात्कार का ड्रामा खेलने की मर्ज़ी हो गई पूरी और साथ साथ में आदि मानव की चुदाई की भी? आया मज़ा मेरी जान को?’
Antarvasna Chudai kahani > हम तो आपका दूध पिएँगे
नीलम रानी इतरा के बोली- मज़ा तो ख़ूब आया राजा, लेकिन बहन के लौड़े तूने कितना ज़ोरों से कुचला है मेरे मम्मों को… हरामी ने मलीदा बना के रख दिया मेरे बदन का… लेकिन बहनचोद अभी तेरा गेम पूरा नहीं हुआ है..अभी तो राजा तुझे मेरे मुताबिक़ चुदना है… हो जा तैयार साले, आज तेरी मां चोदती हूँ… ना तेरी गाण्ड फाड़ दी तो कहना!’
कहानी जारी रहेगी।