क्या तुम फ्री हो?

मैं गवर्नमेंट जॉब में हूं मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हूं मुझे जॉब करते हुए 3 वर्ष हो चुके हैं और इन 3 वर्षों में मेरे जीवन में काफी कुछ बदलाव आ चुका है मुझे अपनी जिम्मेदारी का एहसास हो चुका है और मैं ही घर की सारी जिम्मेदारी को संभाल रहा हूं। kamukta

मेरे पिताजी भी रिटायर हो चुके हैं लेकिन अब मैं नहीं चाहता कि मैं उन पर कोई भी बोझ डालूं इसलिए मैं उन लोगों को खुश रखने की कोशिश करता हूं मेरी छोटी बहन कविता भी कॉलेज आने लगी थी उसका कॉलेज का पहला ही वर्ष था।

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antarvasnasexkahani.net par kamukta bhari hamari kahaniya aur antarvasna sex kahaniमेरा ऑफिस उसके कॉलेज से दो किलोमीटर दूर है तो मैं उसे हमेशा कॉलेज छोड़ा कर देता था मैं उसे कॉलेज छोड़के वहां से अपने ऑफिस निकल जाया करता था लेकिन एक दिन मुझे जल्दी ऑफिस जाना था तो मैं उस दिन जल्दी ऑफिस निकल गया।

कविता ने मुझे कहा आज आप मुझे छोड़ने नहीं आए मैंने उसे कहा मैं आज जल्दी ऑफिस निकल गया था क्योंकि मुझे कुछ काम था जब मैं ऑफिस निकला तो उस वक्त कविता सो रही थी और उसने मुझे फोन पर कहा आज आप मुझे कॉलेज छोड़ने के लिए नहीं आए।

Kamukta Sex Kahani > ना चाहते हुए भी चूत मारता रहा

मैंने कविता से कहा कोई बात नहीं कल तुम्हें कॉलेज छोड़ने आऊंगा तुम चिंता मत करो लेकिन उस दिन शाम को जब मैं घर लौटा तो कविता बहुत ज्यादा दुखी थी मैंने उससे उसकी परेशानी का कारण पूछा तो उसने मुझे कुछ नहीं बताया और वह चुपचाप बैठी रही उसने मुझसे बात भी नहीं की।

मैंने कविता से पूछा बहन क्या बात है तो वह कहने लगी अब आपको मैं क्या बताऊं जब उसने मुझे बताया कि उसके साथ कॉलेज में कुछ लड़कों ने बत्तमीजी की तो मैं इस बात से बहुत गुस्सा हो गया और मैंने उससे पूछा वह लड़के कौन थे।

उसने मुझे उनका नाम नहीं बताया लेकिन मुझे भी लगा कि कॉलेज में तो ऐसे आवारा लड़के होते ही हैं इससे अच्छा उन लोगों से उलझने के बजाय मैं कविता को ही कल से उसके कॉलेज छोड़ने जाया करुं इसलिए मैं हमेशा उसे उसके कॉलेज छोड़ने जाया करता हूं।

Kamukta Sex Kahani > मजा तो मुझे भी आ गया

मैं सुबह उसके कॉलेज के गेट के बाहर से होते हुए वहां से मैं अपने ऑफिस निकल जाया करता था कविता को भी करीब 6 महीने हो चुके थे और धीरे-धीरे उसका एक वर्ष पूरा हो गया उसका कब एक वर्ष पूरा हो गया कुछ मालूम ही नहीं पड़ा।

एक दिन मुझे कविता ने अपनी सहेली मीना से मिलवाया मैं पहली बार ही मीना से मिला था मैंने उससे ज्यादा बात तो नहीं की और मैं वहां से चला गया उसके बाद मेरी एक दो बार मीना से मुलाकात हुई कविता और मीना के बीच बहुत अच्छी दोस्ती हो चुकी थी और वह दोनों अक्सर एक दूसरे की ही बात करते रहते थे।

एक दिन मीना हमारे घर पर भी आई थी तो उस दिन मैंने मीना से कहा तुम दोनों एक दूसरे के बारे में बातें करते रहते हो तो वह मुझे कहने लगी हम लोग इतने अच्छे दोस्त हैं तो क्या आपस में एक दूसरे के बारे में बात नहीं करेंगे मैंने कविता से कहा तुम दोनों की दोस्ती बहुत ही अच्छी है और उसके बाद मैं मीना से काफी समय तक नहीं मिल पाया।

एक दिन मीना मुझे अपनी बड़ी बहन के साथ ही मिली मुझे नहीं मालूम था कि उसकी बड़ी बहन मेरे साथ कॉलेज में पढ़ती थी जब उसने मुझे देखा तो वह मुझे पहचान गई मीना ने मुझसे कहा भैया क्या आप एक दूसरे को जानते हैं।

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मैंने मीना को कहा कि तुम्हारी बहन और मैं साथ में ही पढ़ा करते थे मीना इस बात से चौक गई उसकी बहन सुहाना और मैं एक ही क्लास में थे उस दिन मैंने सुहाना से बात की तो सुहाना कहने लगी क्या मीना को तुम जानते हो?

मैंने सुहाना से कहा हां मैं मीना को अच्छे से जानता हूं वह मेरी छोटी बहन कविता की बहुत अच्छी दोस्त है। सुहाना कहने लगी तुम क्या कर रहे हो मैंने उसे बताया कि मेरी तो जॉब लग चुकी है मैंने सुहाना से पूछा तो आजकल तुम क्या कर रही हो सुहाना कहने लगी मैं तो घर पर ही बच्चों को ट्यूशन दिया करती हूं।

मैंने सुहाना से कहा तो आजकल तुम बच्चों को घर पर ट्यूशन दे रही हो वह कहने लगी हां मैं बच्चों को ट्यूशन दे रही हूं उस दिन तो हमारी ज्यादा बात नहीं हो पाई मैंने सुहाना से कहा अभी मैं चलता हूं मैं तुम्हें कभी और मिलूंगा।

मैं वहां से चला गया मैं अपने काम पर पूरी तरीके से ध्यान दिया करता था तो मुझे याद ही नहीं रहा कि मुझे सुहाना का नंबर लेना चाहिए था।

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