मुझे थोड़ा अजीब लगा पर सच कहूँ उसने बात बिल्कुल सच कही थी और मेरे दिल में यह ख़्वाहिश जागी कि मैं उसका लण्ड अपने हाथ में पकड़ के देखूँ, तो मैंने कहा- नहीं पहली बार तो नहीं देखा, पर इतना बड़ा आज पहली बार देखा है।
शायद मेरी बात से उसकी हिम्मत बढ़ गई, वो बोला- अगर इतना बड़ा पहली बार देखा है तो इसका मतलब आपके पति का इतना बड़ा नहीं है, शायद इसका आधा ही हो, क्या आप इसे छू के देखना चाहेंगी?
बात तो उसने बिल्कुल सच कही थी, अब तक जितने भी लण्ड मैंने खाये थे वो सब 5 या 6 इंच से ज़्यादा नहीं थे, पर यह तो अब तक का सबसे बड़ा और मोटा लण्ड था।
मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई, मेरे चेहरे से गर्मी निकल रही थी, सांस तेज़ हो गई, पता नहीं क्यों मैं बिना कुछ कहे आगे बढ़ी और मैंने उसका लण्ड अपने हाथ में पकड़ लिया।
‘उफ़्फ़ क्या एहसास था, एक गर्म मोटा और लंबा लण्ड…’ जब मैंने पकड़ा तो वो थोड़ा और पास आया और उसने मेरा दूसरा हाथ पकड़ के अपना लण्ड मेरे दूसरे हाथ में भी पकड़वा दिया।
अब तक मैंने सिर्फ एक हाथ में पकड़े जाने वाले लण्ड ही पकड़ कर देखे थे पर यह तो दो हाथों में पकड़ने के बाद भी बाहर दिखता था।
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मेरे दोनों हाथों में लण्ड पकड़वा के वो अपनी कमर आगे पीछे करने लगा जिससे उसका लण्ड तन गया और मैं यह नज़ारा देख कर सुन्न सी हो गई।
मेरी निगाह सिर्फ उसके लण्ड पे ही अटक के रह गई थी, मैं सब कुछ भूल चुकी थी, मुझे कुछ दिख रहा था तो सिर्फ उसका लण्ड और मैं चाहती थी की यह लण्ड मेरे मुँह मेरी चूत दोनों को भेद दे।
शायद मेरी मानो स्थिति उसने भी भाँप ली थी, उसने मेरे कंधों पर हाथ रखके मुझे नीचे दबाया। मैंने भी उसका इशारा समझा और नीचे बैठ गई।
उसने कहा- अपने यार को प्यार नहीं करोगी?
मैंने उसकी तरफ देखा, हम दोनों की नज़रें एक दूसरे को बहुत कुछ कह रही थी, उसने अपना लण्ड मेरे होठों से लगाया और मैंने अपना मुँह खोल के उसका लण्ड अपने मुँह में ले लिया।
ऐसा मोटा और तगड़ा लण्ड मैंने आज तक नहीं चूसा था।
उसके लण्ड के सुपाड़े से मेरा मुँह भर गया था।
मैंने उसका लण्ड चूसा, जीभ से उसके सुपाड़े को चाटा।
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दो तीन मिनट की चुसाई के बाद वो बोला- शायद कोई दरवाजा खटखटा रहा है, हमें जाना होगा।
यह कह कर उसने अपना लण्ड मेरे मुँह से निकाल लिया पर मैंने उसका लण्ड अपने दोनों हाथों में कस के पकड़ लिया और बोली- नहीं अभी मेरा दिल नहीं भरा, मुझे यह चाहिए और अभी चाहिए।
वो बोला- ठीक है पर अभी नहीं थोड़ी देर बाद, मैं कोई इंतजाम करता हूँ, हम आराम से करेंगे पर यहाँ लोग आएँगे तो मुश्किल हो सकती है।
‘ठीक है, पर जल्दी कोई इंतजाम करो, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा, प्लीज़…’
‘तो ऐसा करते हैं, आधे घंटे बाद यहीं मिलते हैं, ठीक हैं।’
‘ठीक है, पर जाने से पहले एक काम करके जाओ।’
यह कह कर मैंने अपनी साड़ी ऊपर उठाई और बोली- प्लीज़ एक बार अंदर डाल दो ! मैं मरी जा रही हूँ।
वो मेरे पीछे आया, मेरी एक टांग ऊपर उठा कर मेरा घुटना वाश बेसिन पर रखा, अपना लण्ड मेरी चूत पर रखा जिसे मैंने अपने हाथ से पकड़ के एडजस्ट किया, जब उसने धक्का मारा तो उसके लण्ड का सुपाड़ा मेरी भीगी हुई चूत में घुस गया।
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क्या तस्सली मिली दिल को !
मैंने उससे कहा- और डालो, जितना डाल सकते हो डाल दो, मैं पूरा लेना चाहती हूँ।
वो बोला- अगर अभी सारा ले लोगी तो बाद में क्या लोगी?
‘प्लीज़, वहाँ भी लूँगी पर अभी भी पूरा लेना है, तुम डालो बस!’
उसने एक और धक्का मारा जिससे उसका आधे के करीब लण्ड मेरी चूत में घुस गया, इतने साइज़ के तो कई लण्ड मेरी चूत में घुस चुके थे, पर उसके और दो चार जोरदार घस्सों से उसका पूरे का पूरा लण्ड मेरी चूत में घुस गया।
उसने अपने दोनों हाथ मेरी कमर से फिराते हुये मेरे पेट के ऊपर से सहलाते हुये मेरे ब्लाउज़ और ब्रा के अंदर डाल दिये और मेरे दोनों स्तन बाहर निकाल लिए।
‘तेरी बहन की चूत, मादरचोद, तेरे चुच्चे कितने बड़े हैं, मैंने आज तक इतने बड़े बुब्बे नहीं देखे!’
‘हाँ बहुत बड़े हैं, तुमने इतने बड़े बूब्स नहीं देखे और मैंने इतना बड़ा लण्ड नहीं लिया।’
हम दोनों हंस दिये।
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बातों बातों में वो अपना पूरा लण्ड मेरे अंदर डाल के बाहर निकाल रहा था, और आज मैंने यह पहली बार जाना कि मर्द का लण्ड चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, औरत की चूत से बड़ा नहीं होता।
वो घस्से पे घस्से मार रहा था और मैं बेहाल हुई जा रही थी।
वो बहुत ही बेदर्दी से मेरे बूब्स दबा रहा था जैसे इनके जूस निकालना हो पर मुझे उस दर्द में भी मज़ा आ रहा था।
2-3 मिनट की चुदाई के बाद उसने अपना लण्ड बाहर निकाला तो मैं झट से नीचे बैठ गई और अपनी चूत के पानी से भीगे उसके लण्ड को अपने मुख में ले लिया।
वो बोला- अरे मेरी जान, छोड़ो इसे, मैं बाहर देखता हूँ, तुम छुप जाओ, मैं देखता हूँ अगर बाहर कोई न हुआ तो तुम पहले निकल जाना, मैं बाद में बाहर आऊँगा।
यह कह कर उसने अपना लण्ड खींच के मेरे मुख से बाहर निकाला और मुझे ज़बरदस्ती कमोड सेक्शन में धकेल दिया।