पड़ोसन की हॉट बेटी

यह बात आज से 3 महीने पहले की है, मेरी बड़ोदा में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब लगी थी. मेरे एक दोस्त ने ब्रोकर से कह कर अकोटा में एक 2 बेडरूम 1 हॉल किचन का रूम किराए पर दिला दिया. मैं पहली मंजिल पर रहता था और मेरे मकान मालिक के रिश्तेदार ग्राउंड फ्लोर पर रहते थे. chut ki chudai

ग्राउंड फ्लोर पर केवल मकान मालिक की बहन (विधवा) सुनीता अपनी एक बेटी स्वारली के साथ रहती थी. मकान मालिक ने कुछ दिन पहले अलकापुरी में फ्लैट ले लिया. तो अब ग्राउंड फ्लोर पर केवल सुनीता और उसकी बेटी स्वारली ही रहते थे.

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स्वारली की उम्र 21, साइज़ 30-28-32 है. वो इतनी गोरी है की किसी का भी मन फिसल जाए. वो हमेशा जीन्स टॉप पहनती है और शाम में नाईटी पहनती है.

रूम पर सब अरेंज करने के बाद मैं डेली उपयोग का सामान लेने गया और वापस घर आते हुए 9.30 बज गए.

मैं जब घर आया और डोर बेल बजायी तो स्वारली ने जैसे ही डोर ओपन किया, एक बहुत ही सुखद सी स्मेल आई.

मैंने देखा वो नाईटी में थी. कुछ सेकंड के लिए मैं उसे देखता रह गया. फिर मैं अन्दर रूम में इंटर किया और उसने डोर लॉक किया. उसका फेस मेरे नज़र के सामने अब भी घूम रहा था. मैंने मुट्ठ मारकर अपने आपको संभाला.

अगले दिन सुबह में दरवाजे पर किसी ने नॉक किया. मैंने डोर खोला तो स्वारली चाय लेकर खड़ी थी. उसने मुझे चाय दी और हलकी स्माइल पास कर के चली गयी. मुझे लगा अगर मैं प्रयत्न करूँ तो कुछ काम बन सकता है. जब मैं 10 बजे तैयार होकर नीचे आया तो सुनीता आंटी ने मुझे नाश्ता के लिए कहा.

मैं, स्वारली और आंटी न एक साथ टेबल पर नाश्ता किया. उसी समय आंटी ने बताया की स्वारली का एकाउंटिंग थोडा कमजोर है और अगर मैं उसे थोडा अटेंशन डे दूंगा तो उसके मार्क्स अच्छे हो जायेंगे.

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मैंने ये ऑफर तुरंत एक्सेप्ट कर लिया. वीकेंड में स्वारली से थोड़ी बहुत बात हुई. ये कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं.

इसके बाद सोमवार को शाम 6 बजे मैं घर पर आया और फ्रेश होने के बाद टीवी देखने लगा. सुनीता आंटी ने डोर नॉक किया. उन्होंने मुझे चाय और स्नैक्स ऑफर किये और कहा बेटा जब फ्री हो जाना तो स्वारली को एकाउंटिंग बता देना.

मैंने हाँ कह कर स्नैक चाय लिया और 7.30 को नीचे गया और स्वारली को एकाउंटिंग बुक लाने को कहा. स्वारली बुक कॉपी लाकर मेरे पास बैठ गयी.

मैं उसे एकाउंटिंग समझाने लगा. कुछ देर बाद मेरी नजर उसके बूब्स पर गयी. उसने एक लूस टॉप पहनी थी और जब वो झुकी तो उसके क्लीवेज दिखते.

ये देख कर मैं आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो रहा था. तभी उसकी पेन नीचे गिर गया, मैं जैसे ही उसका पेन उठाने के लिए नीचे झुका मैंने देखा की उसने काफी छोटे शॉर्ट्स पहन रखे थे और टाँगे एक दम मिल्की वाइट थी.

मैंने जल्दी से पेन उठाया और उसको पढ़ाने लगा. ऐसे ही डे बाय डे मैं उसे देख कर बैचेन हो रहा था.

मैंने सोच रहा था की किसी दिन मैं इस खुबसूरत हसीना की वर्जिनिटी तोदुनगा. ऐसे 2-3 सप्ताह पास हुए और मैं और स्वारली अच्छे दोस्त बन गए. स्वारली का अगले सप्ताह cpt का पेपर था.

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उसने काफी कड़ी मेहनत की थी. और हमारी बात चित थोड़ी कम हो गयी. आंटी मुझ पर बहुत भरोसा करने लगी थी.. पेपर से दो दिन पहले आंटी को अहमदाबाद से फ़ोन आया की उनके मम्मी की तबियत अचानक ख़राब हो गयी है.

आंटी ने रात में मुझे 11 बजे उठाया और टैक्सी अरेंज करने को कहा. मैंने अपने फ्रेंड से कह कर एक कैब बुक करा दी. आंटी ने कहा बेटा मुझे आने में 2-3 दिन लग जायेंगे. तुम स्वारली को cpt पेपर दिला देना.

वो मुझे 2000 रुपये देने लगी पर मैंने मना कर दिया. अगले दिन मैंने स्वारली से तैयारी होने को कहा. उसने ब्लैक कलर की टॉप और ज्रंस पहनी और आकर मेरे बाइक पर बैठ गयी. मैंने उसे एग्जाम सेण्टर पर ड्राप किया और बेस्ट ऑफ़ लक विश किया.

शाम में जब पेपर ख़त्म हुआ तो मैं उसे लेना गया. मैं बाइक से उतरा ही था की उसने मुझे आकर जल्दी से हग किया, मैं एक दम शॉक हो गया. उसके बूब्स मेरे चेस्ट से प्रेस हो रहे थे.

वो बहुत खुश थी. उसका पेपर काफी अच्छा हो गया था. जब उसने मुझे बाँहों में लिया तो मेरे बॉडी में एक करंट सा लगा और मेरी हार्टबीट बढ़ गयी.

मैं उसे मेक डोनाल्ड पर ले गया और हम फिर वापस घर पर आ गए. मैं अपने रूम में चला गया और जोर का मुट्ठ मारा. वो 8 बजे मेरे रूम पर आई और डिनर के लिए कहा. हमने डिनर किया. फिर हम टीवी देखने लगे.

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टीवी देखते हुए 11 बज गए और वो सोफा पर ही सो गयी. अब मैं टीवी छोड़ कर उसे देख रहा था. वो सेमी ट्रांसपरेंट नाईटी में ड्रीम लड़की लग रही थी. मैं आधे घंटे बीद अपने रूम में चला गया.

अगली सुबह उसने मुझे चाय सर्व किया और फिर हम बात करने लगे. दोपहर में वो अपने दोस्त के साथ डी-मार्ट शौपिंग करने चली गयी. वो अपना लैपटॉप बंद करना भूल गयी.