गर्मी का सीजन था और मैं बहुत खुश भी थी और दुखी भी थी. खुश इसलिए थी क्योंकि मेरे ससुराल में मेरे कजिन देवर जी की शादी में जाना था और दुखी इसलिए क्योंकि मुझे मेरे पति के बिना ही इस शादी में जाना पड़ेगा. antarvasna audio
मुझे मेरे पति की जॉब बिलकुल पसंद नहीं क्योंकि काम के कारण वो मेरे साथ बहुत कम वक़्त बिता पाते है. शादी में जाने के लिए मैंने सभी जरुरी पैकिंग कर ली और रात की ट्रेन से रिजर्वेशन भी हो चूका है.
Antarvasna Audio Sex Stories > भाभी की ब्ल्यू पेंटी
ट्रेन में रिजर्वेशन आज कल ऐसा हो गया है जैसे की मुफ्त में टिकेट बट रही हो, हर टाइम फुल ही चलता है.
मुझे एसी में रिजर्वेशन नहीं मिला पर फिर भी मैं बहुत खुश थी की कम से कम मुझे स्लीपर की तो कन्फर्म टिकेट मिल गयी.
ट्रेन रात को 11 बजे थी और ससुराल जाना था, मैंने एक लूस फिटिंग की साडी पहन ली जिससे रात को गर्मी से दिक्कत ना हो.
मैंने घर को अच्छे से लॉक करा और सब कुछ चेक करके समय पर स्टेशन पहुँच गयी और वहा जाकर पता चला की ट्रेन 1 घंटे लेट हो गयी है.
मैंने वेटिंग रूम देखा तो वो एक दम पैक था और डीसाइड किया की प्लेटफार्म पर ही वेट करती हूँ. रात का समय था पर अभी भी गर्मी लग रही थी. मेरे पसीने से मेरा ब्लाउज के अंडर आर्म्स पुरे गिले हो गए थे.
आते जाते हुए लोग मुझे ऐसे देख रहे थे जैसे की मैं अभी बाथरूम से नहा कर निकली हूँ लेकिन लड़कियों को इस चीज़ की आदत हो जाती है, इसलिए मैंने ज्यादा माइंड नहीं किया.
Antarvasna Audio Sex Stories > बर्थडे का विशेष उपहार
गर्मी बहुत ज्यादा होने के कारण मेरी बेक भी बहुत गीली हो गयी थी. पसीने से गिले ब्लाउज के कारण ब्रा का हुक और स्ट्रप बहुत ही क्लियर दिखने लगे थे और हर कोई उन्हें देख कर आनंद ले रहा था.
मैंने नोटिस किया की मेरे गले से एक पसीने की बूंद शुरू हुई और नीचे की तरफ चलने लगी. मैं उसी को देख रही थी और गोर कर रही थी की ये पसीने की बूंद भी वही जाना चाहती है जहाँ इस प्लेटफार्म का हर मर्द देख रहा है.
वो पसीने की बूंद मेरे सिने से होती हुई मेरे क्लीवेज के बीच में पहुच गयी.
जब मुझे यकीन हुआ की पसीने की किस्मत यहाँ मोजूद मर्दों की किस्मत से ज्यादा अच्छी है. कुछ ही देर में वो पसीने की बूंद बूब्स के बीच में से होते हुए मेरे ब्लाउज के अन्दर अब्सोर्ब हो गयी.
कुछ ही देर मैं मेरे बूब्स के बीच का हिस्सा पूरा गिला हो गया और ब्लाउज आगे और पीछे से गिला दिखने लगा.
Antarvasna Audio Sex Stories > घोडी बनाकर चोदो मुझे
गर्मी के कारण मैंने अपना पल्ला थोडा सा नीचे किआ तो मेरे सामने के उभर दिखना शुरू हो गए. मुझे पता था की लोग अब मुझे और ज्यादा अच्छे तरीके से घुर रहे है पर मैं इस गर्मी से छुटकारा पाना चाहती थी इसलिए मैंने अपना पल्ला ठीक नहीं किया.
इस बीच मैंने नोटिस किया की सामने के पिल्लर पर एक 24-26 साल का लड़का बैठा हुआ था और वो मुझे ही देखे जा रहा था. उसकी नज़र ऐसी थी जैसे की वो मेरे सारे कपडे अपनी नजरो से ही उतार रहा है,
मैंने लाइट पिंक कलर की साड़ी पहनी थी जिसका पल्ला पारदर्शी था. साड़ी से मैचिंग मैंने ब्रा भी पहनी थी लेकिन फर्क ये था की मेरी येल्लो कलर की ब्रा शाइनिंग कपड़े की थी.
मैंने नोटिस किया की सामने वाला लड़का बार बार मेरे बूब्स को देख रहा है. ट्रेन को आने में अभी 15 मिनट और थे और गर्मी से परेशां होते हुए मैं बहुत बोर भी हो रही थी.
इसलिए सोचा क्यों ना इस लड़के के ही मजे लू जब तक. इधर उधर देखते हुए मैंने अपनी साड़ी का पल्ला और नीचे कर दिया ताकि उसे मेरे क्लीवेज और अच्छे से दिख जाए.
Antarvasna Audio Sex Stories > दुख में यौवन का सहारा
उसकी आँखे मेरे क्लीवेज को ही देख रही थी की जब ही मैंने उसकी तरफ देखा. वो मुझे देखकर घबरा गया और यहां वहां देखने लगा.
पर मैं उसी को देखने लगी, फिर उसने मुझे देखा और हमारी आँखे कुछ 10-15 सेकंड लडती रही और फिर उसने अपनी नज़रे हटा दी. जब ट्रेन की अनाउंसमेंट हुई की कुछ ही देर मैं ट्रेन आने वाली है.
मैंने सोचा की कुछ ही देर में ट्रेन आजायेगी क्यों ना बिचारे की मेहनत का थोडा फल दे दूँ.
मैं अपने लेफ्ट साइड एक बुक स्टाल को देखने लगी और ये भी ध्यान दे रही थी की वो मेरे क्लीवेज को अच्छे से देख रहा है या नहीं.
जैसी ही मैं स्टाल को देखने के लिए उठी और सामने रखे बैग से पानी निकालने के लिए झुकी. मेरे झुकते ही मेरा पल्लू थोडा और नीचे हो गया और उससे मेरे बूब्स और अच्छे से दिखने लगे. बोतल निकलते समय मैंने अपनी नज़रे ऊपर करी और उसकी तरफ देखने लगी.
उसकी आँखे मेरे गोर जिस्म का मजा लुट रही थी और उससे बहल बना रही थी. मैं जैसे ही बोतल निकाल कर खड़ी हुए तो मेरे क्लीवेज दिखना बंद हुए और वो होश में आया और मेरी आँखों मैं देखने लगा.
Antarvasna Audio Sex Stories > मजा तो मुझे भी आ गया