मदहोशी भरे वो पल – भाग २

मेरा लण्ड एकदम तम्बू की तरह खड़ा हो गया था अब मैं बार बार उसे छुपा रहा था, सोच रहा था कि यह देख लेगी तो गलत समझेगी पर शायद उसकी नजर मेरे लण्ड पर पड़ चुकी थी इसलिए बार बार मेरी तरफ स्माइल दे रही थी। boor ki chudai

वो अब जानबूझकर और मेरे पास आ रही थी पर मेरी हालत ख़राब हो रही थी।

दोस्तो, मेरा लण्ड 6 इंच का है, मैं झूठ नहीं बोल सकता कि मेरा लण्ड 8 इंच का है, या 9 इंच का है क्यूंकि लण्ड 6 से 7 इंच का ही होता है, इससे बड़ा लण्ड सिर्फ अफ़्रीकी देशों में पाया जाता है।

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मेरा लण्ड पर किसी से कम नहीं हैं पर उस वक्त मेरी हालत एकदम ख़राब हो रही थी इसलिए लण्ड पर गुस्सा आ रहा था कि कमबख्त हर जगह खड़ा हो जाता है, माहौल भी नहीं देखता।

अपूर्वा ने मेरे कान में कहा- सर बाथरूम जा आइये, कब तक बेचारे को परेशान करोगे?

मेरे कानों में यह आवाज पड़ते ही मैं चौंक गया और थोड़ा झिझक गया पर हिम्मत कर उससे पूछा- तुम्हें क्या पता?

तो उसने कहा- सर मुझे सब दिख रहा है, कोई बच्ची नहीं हूँ मैं!

मैं थोड़ा सोच कर बोला- तुमने की है मेरी यह हालत।

तो वो तपाक से बोली- सर तो मैं ही आपकी हालत सही करुँगी फिर तो। आपने मेरे ऊपर इतना बड़ा एहसान किया है, उसका कर्ज मैं ही चुकाऊँगी अपना प्यार देकर अगर आप कहो तो?

इतना कहकर उसने मेरे लण्ड को मुट्ठी में जकड़ लिया और दबाने लगी।

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मेरी हालत बहुत ख़राब हो रही थी, मैंने उसे कहा- यार ऐसे मत कर… मेरी हालत ख़राब हो रही है, मैंने आज तक किसी से सेक्स नहीं किया है, मुझे आता भी नहीं है, सीधा इन्सान हूँ, हाँ सेक्सी फिल्मों में जरूर देखा है, थोड़ा बहुत हाथ से हिलाया भी है पर कभी सेक्स नहीं किया।

उसने कहा- सर, आज आपका जो मन आये करना मेरे साथ में आपको सब कुछ दूंगी अपना।

इतना कहकर उसने अपनी टीशर्ट उतार फेंकी।

उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी उसके नग्न स्तन देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया कि बस खा जाऊँ उन आमों को।

उसके उरोज ऐसे थे जैसे पेड़ पर आम लटकते हैं।

और उस पर लगी स्ट्राबेरी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी, मन कर रहा था उसकी निप्पल को चूस जाऊँ।

उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने वक्ष पर रख कर बोली- सर, ये आपके हैं, अब आप इन्हें खाओ या चाटो या चूसो, आप जानो।

यह कहकर उसने मेरा पजामा नीचे सरका दिया और चड्डी से लण्ड बाहर निकाल कर उसे देखने लगी और बोली- सर, यह तो बहुत बड़ा हैं और मोटा हैं। इस कर्ज की अदायगी में तो मेरी चूत ही फट जायेगी।

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मैंने कहा- पता नहीं, तुम्हारी फटे ना फटे, पर मेरी हालत जरूर बिगड़ जाएगी।

और इतना कह मैंने उसके चूचे पर अपने होंठ रख दिए और उसके निप्पल को चूसने लगा और काटने लगा।

वो छटपटाने लगी।

मैंने अपनी बनियान और चड्डी भी निकाल फेंकी और उसकी जींस भी नीचे सरका दी, उसे गोद में उठा बाथरूम में ले गया और शावर चालू कर दिया।

हमारे ऊपर पानी की बौछार पड़ने लगी और मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और चूसने लगा उसके अधरों को।

वो मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ कर हिला रही थी और मेरी एक उंगली उसकी चूत की दरार पर फिर रही थी।

मैं देर ना करते हुए नीचे झुका और उसकी चूत पर मुँह लगा दिया और उसे चूसने लगा।

वो मेरे बालों को पे हाथ फेर रही थी।

उसने कहा- सर बहुत ज्यादा मजा आ रहा है, आप इसी तरह चाटो, मेरी चूत की फांक को खोलकर अंदर अपनी जीभ डाल दो।

मैंने भी वैसे ही किया वो और ज्यादा छटपटाने लगी, बाथरूम में सिर्फ उसकी सिसकारियाँ गूंज रही थी और ‘आह उफ़’ की आवाजें।

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बहुत देर तक मैं जीभ से ऊसकी चूत चाटता रहा, थोड़ी देर में उसकी चूत ने पानी मेरे मुंह पर ही छोड़ दिया।

उसके रस का स्वाद बहुत अच्छा था और मदहोश भी कर रहा था। जब पानी छुट रहा था तो उसके नाखूनों ने मेरी पीठ का बुरा हाल कर दिया था।

उसने मुझको खड़ा किया और नीचे बैठ कर मेरा लण्ड मुँह में लेकर उसे चूसने लगी।

वो लण्ड को ऐसे चूस रही थी जैसे लोलीपोप को चूस रही हो।

उसके इस तरह लण्ड चूसने से और मेरी इस तरह तड़फ ने मुझे अंदर ही अंदर मजबूर कर दिया और मैंने अपना सारा पानी उसी के मुंह में छोड़ दिया।

उसने एक बार तो मेरी तरफ गुस्से में देखा।

पहली बार मुँह में लण्ड का पानी जाने से वो कुछ नाराज सी हुई थी पर मैंने उसे कहा- अपूर्वा आई लव यू..

पर फिर वो मेरे लण्ड को चाटने लगी।

हम दोनों थक से गए थे पर दोनों के चेहरे पे मुस्कान बहुत थी।

हम दोनों नहाने लगे और एक दूसरें के जिस्म को प्यार करने लगे।

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