मदहोशी भरे वो पल – भाग २

अपूर्वा मेरे से चिपक गई और मुझे चूम कर बोली- आई लव यू जानू!

वो मुझे बेतहाशा चूमने लगी, इससे मेरा लण्ड वापस खड़ा होने लगा।

हम दोनों की हालत ऐसे हो रही थी कि आज तूफ़ान आने वाला हो।

हम दोनों एक दूसरे में इतना खो गये कि हमें यह तक नहीं पता रहा हम बाथरूम से बिस्तर तक कैसे पहुँचे।

हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में खोने लगे और एक दूसरें के आलिंगन में हम इतने मस्त हो गये, मैं पागल सा हो रहा था, कभी उसके स्तन दबाता और कभी निप्पल को धीरे से काट लेता।

फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा, वो बेचारी मचल ही पड़ी थी और इस खेल में उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था, अपूर्वा से रहा नहीं जा रहा था और वो बहुत मदमस्त हो रही थी, मैं समझ गया था अब उस पर भयानक चुदास सवार है।

पर मैं भी इतनी जल्दी कहाँ मानने वाला था, मैंने अपूर्वा को मेज पर बैठा दिया और उसके पैर फ़ैला दिए।

Boor ki Chudai > ना चाहते हुए भी चूत मारता रहा

तभी मेरी नजर पास में रखी डेरीमिल्क पर पड़ी तो मैंने उसे उठा कर खोला तो वो पिंघली हुई थी।

मैंने सारी चोकलेट अपूर्वा की चूत पर लगा दी और उसकी चूत चाटने लगा।

वो बहुत मचलने लगी और सिसकारियाँ भरने लगी।

मुझे उसकी चूत से चॉकलेट के साथ नमकीन पानी का स्वाद भी मिलने लगा।

वो बहुत तड़फ रही थी बार बार मुझे अपनी ओर खींच रही थी तो कभी चूत पे मेरे बालों को पकड़ कर दबाव बना रही थी।

इतने में अपूर्वा बोली- जान मुझे भी ऐसे ही लण्ड चुसवा दो, जैसे तुमने किया, पर पहले यह तो बताओ ऐसा करना तुम्हें अच्छा लगता है क्या?

तो मैंने कहा- हाँ रुको!

फिर मैंने थोड़ी बची चोकलेट अपने लण्ड पर लगा कर उसे बेड पर लिटाया और 69 में आकर उसे लण्ड चूसने को दे दिया।

हम दोनों ने चुसाई कार्यक्रम जारी रखा।

उसकी चूत की फांक को मैं बड़े प्यार से चाट रहा था, वो मेरा लण्ड बड़ी मस्ती से चूस रही थी।

Boor ki Chudai > बर्थडे का विशेष उपहार

तभी मैंने कहा- अब बस कर… अब कुछ और कर लें?

तो उसने बोला- जान दर्द होगा। यहीं तक रहने दो ना!

तो मैंने उसे समझाया- मैं बहुत प्यार से करूँगा, दर्द नहीं होगा विश्वास करो।

उसने कहा- जानू दर्द तो होगा पर मुझे आप पर विश्वास है।

‘तुम घबराओ मत, तुम्हें चुदाई में कोई तकलीफ नहीं होगी।’

फिर मैंने उसकी चूत के अंदर ऊँगली करके उसे और भी उत्तेजित किया। अपूर्वा बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी और उसकी चूत की चुदाई के लिए वो तैयार भी थी।

मैंने अपूर्वा को सीधा लेटाया और उसकी टांगों को फैला के लिटा दिया।

उसकी लाल टमाटर जैसी चूत को मैंने हाथों से खोला और छेद के समीप लौड़ा रख के घिसने लगा।

अपूर्वा ‘आह ओह ओह ह्ह्ह ओह्ह; करने लगी।

मैंने तभी एक हल्का सा झटका दिया। लण्ड का सुपाड़ा ही अंदर गया था की वो मुझे अपनी ओर खींचने लगी।

Boor ki Chudai > मजा तो मुझे भी आ गया

अपूर्वा को थोड़ा दर्द हो रहा था पर इतना मदमस्त करने के बाद उसे दर्द का एह्सास पता ही नहीं लग रहा था।

मैंने आधे लण्ड को ऐसे ही उसकी चूत में रख कर नीचे झुक उस चूमा और उसकी चूचियों को चूसने लगा, दबाने लगा और उसे इससे हल्की हल्की मस्ती देने लगा।

वह अपने हाथ से मेरे सर को अपनी चूचियों पर दबाने लगी। मैंने मौके का फायदा उठाते हुए एक और झटका देकर पूरे 6 इंच के लण्ड को चूत के अंदर घुसा दिया।

उसे दर्द हुआ, वो चीख पड़ी- हय मम्मी… मर गई मैं !

और उसी के साथ खून आने लगा।

पहली बार चुदाई थी तो खून आना ही था पर मैंने उसे नहीं बताया वरना वो कहीं डर जाती तो बीच में सब रोकना पड़ता।

मैंने कमर से पकड़ा और जैसे की उसके साथ चिपक गया।

अपूर्वा ‘आह ह्ह्ह्ह ऊऊउ ऊऊई अम्मी मरर गईई…’ करने लगी।