मेरे अकेलेपन का सहारा तुम्हारा लंड

मेरा नाम सपना है. मेरी उम्र 30 साल और शादी को 5 साल हो गया। कोई बच्चा नही है। सही कहूं तो पति मोहित को शुरू में इंटरेस्ट था पर अब तो जैसे मैं काटने दौड़ती हूं, उनको कोई कमी है और उनके घरवाले मुझे दोष देते। फिर भी कैसे भी रह रही उनके साथ। sexy feelings wali meri chudai ki khani.

ये कहानी है आज से 2 साल पहले की। मेरे पति का ट्रांसफर दिल्ली हुआ, वहां पर एक घर किराए पर लिया, जिसमे नीचे लॉन और 2 कमरे। ऊपर 2 कमरे और बरामदा।

उसके ऊपर खुली छत। घर से जुड़ा एक और घर था, मेरी मोहित की कई बार लड़ाई होती थी, अब तो चुदाई भी न के बराबर होने लगी।

मेरा रंग गोरा जिस्म भरा हुआ है। मेरे दूध 36 और गांड 34 है। मैं साड़ी ज्यादा पहनती हूं और घर मे मैक्सी या सूट। हम नए नए दिल्ली आए थे, मोहित अक्सर फैक्टरी में ही रुक जाते थे।

एक बार मोहित से ख़या की कुछ शॉपिंग करनी है तो वो पैसे निकाल कर दे दिए और कहा कि चली जाना। मैं उदास हो गयी। फिर बाहर आई और एक टैक्सी के लिए रुकी थी तभी एक टैक्सी आयी, एक 36 या 37 साल का मुस्लिम आदमी।

वैसे दिखने में अच्छे घर का था लग रहा था, मैन उससे मार्किट के किये कहा, और बैठ गयी। मार्केट पहोच कर पर्स से 2000 का नोट निकाला तोनुसने कहा कि भाभी जी छुट्टा नही है। मैं बोली मेरे पास भी नही, तो वो बोला कि कोई बात नही बाद में दे देना मैं आपके घर के बगल वाले घर मे ही रहता हूं।

मोहित जी को कई बार फैक्टरी ले गया हूं। फिर मैंने उसका नम्बर ले लिया। उसका नाम था असलम। शॉपिंग करके काफी टाइम हो गया और मोहित का फोन आया कि वो फैक्ट्री में ही रुकेंगे। मैन असलम को कॉल किया तो वो बोला कि बस 10 मिनट में आता हूं, फिर वो आ गया और मैंने उसको पैसे दे दिए।

घर आने के बाद रात को खाना खाकर छत पर टहलने गयी ,वुर असलम लूंगी और बनियान में था। मुझे देखकर वो जल्दी से नीचे गया और टी शर्ट पहन कर आ गया। मुझे हंसी आ गयी। मैंने कहा कि आप यह रहते हो ? वो बोला हां, उसका बदन काफी मजबूत था चेहरे और दाढ़ी उसको मर्द लुक दे रही थी।

फिर उसके बारे में पूछा,उसने बताया कि पढ़ाई BA तक कि है पर घर मे उसके अब्बू की तबियत खराब रहती है और बहन की शादी के लिए टैक्सी चला रहा है। मुझे थोड़ा अपनापन सा लगा। अब मैं कहीं भी जाति तो उसको ही ले जाती। कई बार तो वो मेरा इनतेजार करता। एक बार की बात है, मैंने उसको कहा कि आज शाम को 5 बजे आ जाना।

मुझे और मोहित को मूवी जाना था, वो आया और बेल बजाई। मेरी और मोहित की लड़ाई चल रही थी, मोहित ने न कह दिया था। असलम ये सब देख रहा था, मोहित ने जोर से बाइक की चाभी उठाई और निकल गया। असलम भी जाने लगा तो मैंने उसके हाथ जकड़ा और कहा कि चलो। वो पूछा कि कहा। मैन उसको बोला कि कहीं भी शांत जगह।

उसके साथ आगे बैठी, और 30 मिनट बाद एक सुनसान जगह थी, कोई नही था। बस पेड़ थे। मैं बैठ गयी और असलम टैक्सी में ही था, मैंने साड़ी पहनी थी, बैकलेस ब्लाउज और जुसमे मेरी चूची की धारियां दिख रही थी। असलम को आवाज दी और बुला लिया, मेरा सिर दर्द हो रहा था, असलम से कहा कि सिर दबा दो, वो दबाने लगा। मेरा पल्लू हट गया था, मेरे ब्लाउज से चूची के उभार साफ नजर आ रहे थे। असलम का लंड भी टाइट था। फिर हम निकल आये। रात को मोहित कब साइन के बादमे छत में गयी, मैक्सी पहनकर।

अंदर ब्रा नही पहनी। ऊपर असलम और मैं बात कर रहे थे, मैं असलम के बगल में ही बैठ गयी। धीरे धीरे असलम के हाथ को पकड़ा और कहा कि तुम हाथ मे कुछ कगया करो बहोत कड़क हो गया है। असलम को करंट जैसा लगा। फिर मैं नीचे से लाकर वैसलीन लगाई। वो भी धीरे धीरे मवरे हाथों की छुअन से खुश था, फिर शैर से उसने मेरे बाहों को सहलाया मुझे बहोत अच्छा लगा।

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फिर मुझे अपने मजबुत बाहों में खींच लिया, मैं उससे लिपट गयी। उसने मेरी मैक्सी की ऊपर की बटन खोलकर गोरी चूचियाँ निकाल ली और खेलने लगा, लुंगी खोलकर लंड निकाला और मेरे हाथ मे दिया। बहोत मोटा और लम्बा था, मुस्किम का लंड मेरे हाथ मे लेकर पहली बार मर्द की बाहों का एहसास हो रहा था। तभी मैं बोली।कि बस एभी नही कजेल जब मोहित 3 दिन के किये बाहर जा रहे।

अगले दिन मोहि जा चुके थे, मैं रात को एक सेक्सी साड़ी पहनी। ब्रा बलाउज पहना और असलम को बुलाया। कमरे में आते ही असलम ने मुझे जकड़ लिया, मुझे चूमने लगा। मैं भी साथ दे रही थी। अब असलम ने मेरी साड़ी उतारी, मेरी ब्रा के ऊपर से चूची के हिस्से को चाटने लगा। मैंने उसके सिर को पकड लिया और चूचियों में दबा दिया। असलम पूरा नंगा हो गया और मुझे उठाकर बिस्तर पर ले गया।

मुझे पूरी नंगी करके मेरे ऊपर आकर मुझे चूमने लगा, मेरे नंगे गोर जिस्म से खेलने लगा और कहा कि सपना तुम्हारे जैसी हिन्दू औरत को चोदने के कभी नही सोचा, फिर मैंने कहा गकी आज रात मैं तुम्हारी हूं, चोदो जितना मन। फिर असलम ने मेरे मुह में लंड डाल दिया, मुझे मर्दों के लंड चुसने में बहोत मजा आता था, असलम के लंड को खूब चूसा, वो अब और कड़क था।

अलसम ने मुझे टांग फैलाकर अपने मुह को।मेरी चूत में घुसा दिया, जोर जोर से जीभ को अंदर बाहर करने लगा और मैं झड़ गयी। असलम से चिपक गयी। मेरा नंगा जिस्म असलम के जिस्म से नागिन की तरह चिपका था। असकम ने बिना देर किये मेरे चूत में लंड को फिराया, मैंने कहा कि असलम डालो, उसने एक जोर से धक्का मारकर लंड को अंदर डाल दिया। बहोत अंदर तक गया।

मैं सिहर उठी, असलम को पकड़ लिया, अब असलम ने मुझे धीरे धीरे चोदना शुरू किया, चोदते चोदते मेरी चूचियाँ बारी बारी से चूस रहा था। मैं उसके बालों में उंगलियां घुसाकर आआह भरने लगी। असलम बहोत अच्छे से चोद रहा था। बीच बीच मे लंड की स्पीड बढ़ा देता और मुझे कस के जकड़ लेता। मैं 20 मिनट की चुदाई में 3 बार झड़ गयी, बिस्तर गीला हो गया था। अब असलम ने मुझे घोड़ी बनाया।

मेरी कमर पकड़ी और लंड घुसाया, चुत की दीवार से घिसता हुआ अंदर डाल दिया, और चोदने लगा। असलम मुजजे जोर जोर से चोद रहा तब मेरी चूचियाँ झूलने लगीं। बहोत मजा आ रहा था, अब असलम ने कहा की सपना आओ लेटो, अब असलम के।लंड में जोश था, असलम।मुझे कस के पकड़ा और बहोत हार्ड छोड़ने लगा मेरी जान सपना आज तुम को मर्द की चुदाई का मजा दूंगा। sexy mami

फिर असलम ने लंड निकाला और मेरे मुह ओर सारा रस डाल दिया। mami ki chudai

मैं उसको चिपक कर लेटी रही। chut ki chudai

असलम ने मुझे चूमा, उठाया और हम दोनों साफ हुए।

मैं नंगी असलम के साथ सो गयी। train sex