ट्रेन में उस लड़के ने मुझे बहुत उत्तेजित कर दिया था. पुरे रास्ते में मैं अपने आप को कण्ट्रोल करने की कोशिश करती रही. सीट पर बैठे बैठे कभी मैं अपने पर सिकोड़ती तो कभी अपने गले पर धीरे धीरे हाथ फेरती, पर इन सब से मेरी चुदाई की प्यास बढती ही चली जा रही थी. sexy bhabhi ki chut chudai
मैंने जैसे जैसे अपने अरमानो को काबू कर अपनी मंजिल- आ पहुंची. वहां पर मेरे पति के कजिन याने की मेरे कजिन देवर लेने आये थे और उनके साथ उनका एक फ्रेंड भी था. मेरे देवर का नाम मनीष था और उसके फ्रेंड का नाम मयंक था.
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मनीष ने मेरा अपने दोस्त से परिचय करवाया और बताया की मयंक उनका सबसे गहरा दोस्त है और शादी में उनकी बहुत मदद कर रहा है.
उसने मुझे नमस्ते किया और मैंने भी उसे स्माइल दी. फिर वो थोडा आगे आया और सामान उठाने के लिए थोडा झुककर स्ट्रोलर का हैंडल पकड़ने लगा. मैंने भी एकदम से ना करने के लिए अपना हाथ स्ट्रोलर के हैंडल की और बढाया और थोडा झुकने लगी.
जैसे की मैंने आपको मेरी पिछली कहानी में बताया था की मैंने पिंक कलर की बहुत लूज साडी पहनी थी, गर्मी की वजह से झुकते ही मेरा पल्लू एकदम से नीचे गिर गया और मेरे क्लीवेज उसके सामने आ गया.
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उसने मेरे क्लीवेज की साइड देखा और एकदम से आँखे बंद करके उसने अपना फेस दूसरी साइड टर्न किया. इसी वक़्त मेरा देवर आया और उसने मेरा बेग पकड़ कर बोला- ‘अरे आप लोग परेशां मत हो, मैं हूँ न’. और हम तीनो ने स्माइल दी. एक दुसरे को और प्लेटफार्म से जाने लगे.
प्लातेफ़ोर्म से लेकर गाडी के पास जाने तक मैं उस इंसिडेंट के बारे में ही सोच रही थी की कैसे उसने मेरे क्लीवेज से अपना फेस हटाया. ये कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं.
आज कल की दुनिया में जहाँ लोग जबरदस्ती औरतो का पल्लू गिरा कर क्लीवेज देखना चाहते है, वही मयंक ने कैसे अपना फेस हटाया मेरे क्लीवेज को देख कर. उसकी ये बात मुझे बहुत अच्छी लगने लगी और मुझे वो पर्सनली बहुत अच्छा लगने लगा.
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मैं अपने ससुराल आ गयी और बहु होने के नाते मुझे सबके चरण स्पर्श करना था पर सारी बहुत लूज थी तो मुझे बहुत संकोच भी हो रहा था की मैं कैसे झुकू. खुद ही इज्जत छुपाने के लिए मैंने अपना पल्ला बहुत अच्छे से अपने ऊपर लपेट लिया ताकि झुकने पर किसी को कुछ न देख. मेरे ऐसी साडी पहनने से घर के सब बुजुर्ग लोग मुझसे बहुत इम्प्रेस हुए और मुझे आशीर्वाद दिया.
तभी मेरे ससुर जी बोले की बिटिया बहुत थक गयी होगी उसे रूम में जाकर फ्रेश तो होने दो.
मैं मन ही मन सोच रही थी की हाँ ससुर जी ‘ ट्रेन में थक तो गयी, एक लड़के ने मुझे बहुत थका दिया.’
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मैं मन ही मन मुस्कुराई की तभी मयंक ने मेरा सामान फिरसे उठाया और बोला की ‘चलो भाभी मैं आपको आपका रूम दिखा देता हूँ.’
मैंने कहा ‘हाँ, ठीक है’ और हम पहली मंजिल के रूम में चले गए. रूम में जाते ही मयंक ने पंखा चालू किया और कहा भाभी कुछ जरुरत है तो बता देना. मैंने कहा ठीक है मयंक तुम टेंशन ना लो.. ये मेरा ही तो घर है, मैं मैनेज कर लुंगी.
उसने कहा ‘हाँ भाभी, घर तो आप का ही है, पर अभी शादी की अरेंजमेंट की जिम्मेदारी मेरी है इसलिए भाभी जिम्मेदारी भी तो मेरी ही हुई न..
मुझे उसका भोलापण देखकर बहुत अच्छा लगा और मैंने उसे एक प्यारी से स्माइल दी और उसने भी मुझे बदले में एक स्माइल दी ओर गेट बंद करके चला गया.
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मैंने अपना सामान ओपन किया और एक पर्पल साडी निकली और उसके मैचिंग की अंडर गारमेंट्स भी. मैंने साडी निकली और उसके अन्दर अपनी पर्पल ब्रा और पिंक बेस पर पर्पल फ्लावर वाली पेंटी को फोल्ड कर के बेड पर रख दिया. फिर मैंने अपनी मेकअप किट निकली और टॉवल ढूंढने लगी.
ये कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं. टॉवल बेग में ना मिलने के कारण मैं बहुत परेशां हो गयी और अपने घुटने पर बैठ कर बेग में अच्छे से ढूंढने लगी.
मेरा पल्ला झुकने के कारण से गिर गया. मैं सीधी हुई और अपना पल्ला ठीक करके फिर से टॉवल ढूंढने लगी. मैं बेग के दूसरी तरफ ढूंढने के लिए थोडा सा शिफ्ट हुई और मेरा चेहरा अब गेट की तरफ हो गया था.
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