मेरे पिताजी ट्रांसपोर्ट का काम किया करते थे और उसके बाद मैंने भी उन्हीं के काम को संभाल लिया। एक दिन मैं अपने ऑफिस में बैठा हुआ था तभी ऑफिस में काम करने वाला अमित कहने लगा कि साहब मुझे कुछ दिनों के लिए छुट्टी चाहिए थी। sex katha
मैंने अमित को कहा लेकिन अमित तुम कब तक लौट आओगे तो वह मुझे कहने लगा कि साहब मैं एक महीने बाद ही लौट पाऊंगा क्योंकि मेरी बहन की शादी है।
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मैंने भी उस वक्त अमित को छुट्टी देना ही ठीक समझा और फिर अमित जा चुका था, मैं ऑफिस के काम को बखूबी किया करता था इसलिए मुझे ही अब अमित का काम करना पड़ रहा था। मेरे पास काम करने वाले ज्यादा लोग नहीं थे ऑफिस में सिर्फ दो चार लोग ही काम किया करते थे.
अमित मेरे पास सबसे पहले से काम कर रहा है इसलिए अमित को काम की सारी बारीकियां पता है। अब मुझे ही अब मुझे ही अमित का काम संभालना पड़ रहा था उसी दौरान मुझे एक कंपनी में जाना था और जब मैं उस कंपनी में गया तो वहां के मालिक से मेरी बात हुई उन्होंने मुझे कहा कि हमारा सामान यहां से जयपुर हर रोज आता है अब तुम्हें ही वह सामान पहुंचाना है।
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मैंने उन्हें कहा हां साहब क्यों नहीं जरूर, आपका सामान पहुंच जाएगा और उनकी कंपनी से हर रोज मेरे पास सामान आता और मैं उनके सामान को जयपुर पहुंचाया करता। मेरा काम तो अच्छा चल रहा था लेकिन मैं अपनी निजी जिंदगी से बहुत ज्यादा परेशान था मेरी शादी शुदा जिंदगी से मैं बिल्कुल भी खुश नहीं था। पिछले वर्ष ही मेरी शादी हुई थी लेकिन मेरी पत्नी के हाव-भाव और उसका चाल चलन मुझे कभी ठीक लगा ही नहीं इसलिए मेरी पत्नी के साथ मेरी बिल्कुल भी नहीं बनती। जब भी मैं घर पर होता तो हमेशा ही मेरा उससे झगड़ा हो जाया करता मेरे पापा हमेशा मुझे कहते कि रोहित बेटा तुम्हें अपनी पत्नी के साथ झगड़ा नहीं करना चाहिए लेकिन जब उन्हें भी इस बारे में पता चला तो वह भी इस बात से बहुत नाराज हुए।
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मैंने कई बार अपनी पत्नी को समझाने की कोशिश की लेकिन वह तो चाहती ही नहीं थी कि हम दोनों के रिश्ते कभी सुधरे इसीलिए तो उसने मुझसे तलाक लेने के बारे में सोच लिया था। पापा इस बात से बहुत ज्यादा परेशान थे मैंने पापा को समझाया और कहा देखो पापा जब हम दोनों के रिश्ते अच्छे से चल ही नहीं पा रहे हैं तो ऐसे रिश्तो को जबरदस्ती चलाने का कोई मतलब ही नहीं है और मैं भी दिल से चाहता था कि अब मैं अपनी पत्नी से अलग हो जाऊं। उसके साथ मेरी बिल्कुल भी नहीं बन पा रही थी और हम दोनों के बीच हमेशा झगड़े होते रहते मुझे अपनी पत्नी से हमेशा शिकायत थी वह तो ना मेरा ध्यान रखती है और ना ही मुझसे वह बात किया करती जब भी मैं उसके पास होता तो वह हमेशा ही अपनी सहेलियों से फोन पर बातें करती रहती इस बात से मैं बहुत ज्यादा परेशान था। अब मेरी पत्नी भी अपने घर जा चुकी थी उसने भी मुझसे तलाक लेने के बारे में सोच लिया था लेकिन मुझे नहीं पता था कि उसका किसी लड़के के साथ अफेयर चलता है।
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जब मुझे यह बात पता चली तो मैं सोचने लगा कि शायद हम दोनों ने अलग होकर ठीक किया क्योंकि हम दोनों का एक दूसरे से अलग होना ही हम दोनों के जीवन के लिए बेहतर था और मैं इस बात से खुश था कि कम से कम हम दोनों एक दूसरे से अलग तो हो गए। मेरा अब मेरी पत्नी के साथ कोई संपर्क नहीं था और मैं चाहता भी नहीं था कि उस से अब मेरा कोई संपर्क हो उसने भी कुछ समय बाद दूसरी शादी कर ली। मैं अपने काम पर पूरा ध्यान देने लगा और शायद मेरे भाग्य में भी शालिनी का और मेरा मिलन था शालिनी मेरे दोस्त की बहन है और जब वह मुझे मिली तो पहली नजर में वह मुझे भा गई। मुझे नहीं पता था कि शालिनी को भी मैं पसंद आ जाऊंगा जब शालिनी और मैं साथ में समय बिताने लगे तो हम दोनों को ही एक दूसरे के साथ अच्छा लगता। शालिनी को इस बात की खुशी थी कि मैं उसका बहुत ध्यान रखता हूं और शालिनी भी मेरा बहुत ध्यान रखती जब भी शालिनी को कोई परेशानी होती तो सबसे पहले मैं ही उसके साथ खड़ा होता। शालिनी ने मुझसे अपने जीवन के बारे में कभी कुछ छुपाया नहीं शालिनी अकाउंटेंट का काम करती थी।
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शालिनी ने मुझे जब यह बात बताया कि वह अपनी जॉब को जारी रखना चाहती है तो मैंने शालिनी को कहा शालिनी मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है। मैंने इस रिश्ते के बारे में अभी तक किसी को भी नहीं बताया था और ना ही शालिनी ने किसी को बताया था। हम दोनों ही एक दूसरे से चोरी छुपे मिलते और मेरे दोस्त को भी यह बात पता नहीं थी लेकिन जब उसे यह बात पता चली तो वह मुझ पर बहुत गुस्सा हुआ उसे लगा कि इसमें मेरी गलती है लेकिन शालिनी ने मेरा बचाव करते हुए अपने भैया को समझाया और कहा कि भैया मैं रोहित को बहुत पसंद करती हूँ और हम दोनों एक साथ अपना जीवन बिताना चाहते हैं। जब शालिनी ने अपने भाई से यह बात कही तो शायद वह भी शालिनी की खुशी से खुश था मेरे लिए भी यह बहुत खुशी की बात है कि उसने हम दोनों के रिश्ते को स्वीकार कर लिया था और जल्द ही हम दोनों सगाई करने वाले थे। मैंने भी अब अपने परिवार में इस बारे में बता दिया था सब लोग इस बात से खुश थे और मैं तो इस बात से इसलिए खुश था कि मैं अपनी पुरानी जिंदगी को भूल कर अब आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा हूँ।
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शालिनी ने इसमें मेरा बहुत साथ दिया यदि शालिनी मेरे जीवन में नहीं आती तो शायद मैं कभी भी आगे नहीं बढ़ पाता अब मैं अपनी पुरानी जिंदगी को भूलकर शालिनी के साथ आगे बढ़ने के बारे में सोच चुका था। हम दोनों की सगाई हो गई जब हम दोनों की सगाई हुई तो उससे मेरे मम्मी पापा दोनों ही बहुत खुश हुए और उन्होंने भी मुझे मेरी सगाई का तोहफा दिया। शालिनी मेरे जीवन में आ चुकी थी और इससे बढ़कर तोहफा शायद मेरी जिंदगी में और कुछ था ही नहीं क्योंकि शालिनी मेरे लिए सब कुछ थी यदि शालिनी मेरी जिंदगी में नहीं आती तो शायद मैं भी कहीं ना कहीं तनाव में जरूर होता लेकिन शालिनी ने मेरा बहुत साथ दिया और उसी की बदौलत मैं अपने जीवन में आगे बढ़ पाया। शालिनी और मैं हर रोज एक दूसरे से मिला करते जिस दिन हम दोनों नहीं मिलते थे उस दिन मैं शालिनी को फोन जरूर किया करता था। शालिनी हमेशा मेरे फोन का बेसब्री से इंतजार करती थी और उसे भी इस बात से अच्छा लगता कि हम दोनों एक दूसरे से फोन पर घंटों तक बात किया करते हैं।
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मुझे शालिनी से फोन पर बात करना हमेशा ही अच्छा लगता और शालिनी भी मुझसे बात कर के खुश रहती। शालिनी मेरे जीवन में थी और हम दोनों फोन पर बात करते थे एक दिन मैने शालिनी से कहा मुझे तुम चुम्मा दे दो। शलिनी शर्माने लगी शालिनी मुझसे कहने लगी मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता। मैंने शालिनी को कहा शालिनी शादी के बाद भी तो हमें यह सब करना ही है मैं चाहता था शालिनी के साथ शादी से पहले ही सेक्स संबंध बनांऊ। उसी के लिए मैने शालिनी को घर पर बुलाया शालिनी इस बात से अंजान थी और उसे कुछ भी नहीं पता था हालांकि मेरी सगाई हो चुकी थी। मैं उसके साथ सेक्स संबंध बनाना चाहता था जब मैंने शालिनी को घर पर बुलाया तो शालिनी घर पर आई शालिनी और मैं एक दूसरे से बात कर रहे थे। हम दोनों को एक दूसरे से बात करना अच्छा लगता जब मैंने शालिनी के होंठो को चूमना शुरू किया तो शालिनी शायद अपने आपको रोक ना सकी उसने मेरा विरोध नहीं किया बल्कि मेरा साथ देना ही उसने बेहतर समझा क्योंकि उसके अंदर की जवानी भी बाहर आने लगी थी।
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शालिनी की चूत से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा था शालिनी ने जब मेरे लंड को अपने हाथ में लिया तो मुझे अच्छा लगा उसने मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर अपने मुंह के अंदर समा लिया वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लेकर चूसने लगी है उसे बड़ा आनंद आ रहा था और मुझे भी बहुत मजा आता काफी देर तक उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसा और मेरी उत्तेजना को उसने पूरी तरीके से बड़ा कर रख दिया। मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था मेरे लंड से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा था और ना ही शालिनी अपने आपको रोक पा रही थी शालिनी ने मुझसे कहा मरी चूत से पानी निकल रहा है तुम मेरी चूत का रसपान करो। मैंने भी शलिनी की चूत को चाटना शुरू किया और उसकी चूत से जिस प्रकार से पानी बाहर निकल रहा था उस से मै बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगा।
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मैंने शालिनी की चूत के अंदर अपने लंड को डाला और उसकी सील पैक चूत से खून बाहर निकल आया। वह अपने पैरो को चौडा करने लगी मैं उसे लगातार तेज गति से धक्के मार रहा था मुझे उसे धक्के मारने में आनंद आता और शालिनी मेरा साथ बडे अच्छे तरीके से देती। शालिनी ने मेरे साथ बहुत देर तक दिया जब उसकी चूत से खून कुछ ज्यादा ही बाहर आने लगा तो वह मुझे कहने लगी मुझे अब घोड़ी बनाकर चोदो। शालिनी की इच्छा मैंने पूरी की और उसे घोड़ी बनाया जब मैंने उसे घोड़ी बनाया तो मैंने अपने लंड को धीरे से उसकी चूत के अंदर डाला और जैसे ही मेरा लंड शालिनी की चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो वह चिल्ला उठी शालिनी की चूत से खून बाहर की तरफ को आ रहा था मैं उससे लगातार तेज गति से धक्के मार रहा था। मुझे उसे धक्के मारने में बड़ा आनंद आता और शालिनी को भी बहुत मजा आ रहा था शालिनी ने जिस प्रकार से मेरा साथ दिया उस से मेरा वीर्य पतन होने वाला था जैसे ही मैने अपने वीर्य को शालिनी की मुलायम चूत के अंदर डाला और वह खुश हो गई वह मुझे कहने लगी आज मुझे बहुत अच्छा लगा।
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मैंने शालिनी को कहा खुशी तो मुझे भी बहुत हो रही है शालिनी मुझे कहने लगी मुझे चलना चाहिए और शालिनी चली गई। Hindi chudai