मदहोशी भरे वो पल

अन्तर्वासना के सभी पाठको को ‘अमन’ का नमस्कार! मेरा नाम अमन गर्ग है, मैं देहली का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 27 साल है, जिन्दगी को बड़ी सरलता से जीना पसंद करता हूँ मैं। मैं अन्तर्वासना पर नियमित पाठक हूँ पर मुझे कभी रचना भेजने का माध्यम नहीं मिला। मैं बस रचनाएँ पढ़ता और सोचता था कि मैं भी अपनी जिन्दगी की दास्तान शेयर करूँ। chudai story

आज एक कोशिश की है, शायद आपको पसन्द आएगी।

Kamuk Chudai Story > बेताबी चुदाई की

यह मेरे जीवन की हकीकत है जो मैं आपको एक रचना के माध्यम से पेश कर रहा हूँ।

यह घटना आज से 5 साल पहले की है जब मैंने एक टेलिकॉम कम्पनी ज्वाइन की, पहली जॉब थी तो थोड़ा नर्वस भी था।

मेरी जॉब एक टेलिकॉम कम्पनी में थी जिसमें मैं कस्टमर केयर का हेड था।

जॉब का पहला दिन और ऊपर से हिचकिचाहट बहुत ज्यादा हो रही थी पर जैसे तैसे कर मैंने अपना पहला दिन पूरा किया।

कॉलेज की लाइफ में लड़कियों से दूर रहा क्यूंकि बॉयज कॉलेज से मेरी शिक्षा हुई है और उस वक्त पढ़ाई ज्यादा जरूरी थी।

पर जॉब पर आने के बाद देखा यहाँ तो लड़कियाँ ही लड़कियाँ हैं चारों ओर तो थोड़ी शर्म और झिझक भी थी।

Kamuk Chudai Story > दुख में यौवन का सहारा

धीरे धीरे सब सामान्य होने लगा। मेरे ऑफ़िस में मेरे नीचे बहुत सी लड़कियाँ काम करती थी, उन्हीं में से एक थी अपूर्वा शर्मा (नाम बदला हुआ है) बहुत ही हंसमुख थी वो और शरारती भी! पर उसकी नजरें बार बार मेरे को निहारती थी।

मुझे अजीब लगता था और डर भी कहीं फंस ना जाऊँ और कहीं जॉब ना चली जाए।

पर कहते हैं ना जब जो होना होता है, होकर रहता है।

एक दिन मैं ऑफ़िस आया तो देखा अपूर्वा रोज की तरह हंस नहीं रही थी बल्कि थोड़ी नर्वस थी।

मैंने हिम्मत की और उसे अपने पास बुलाया, पूछा- क्या बात हैं आज तुम्हारी हंसी कहाँ गई?

वो चुप खड़ी रही और उसकी आँखों में आंसू आ गये।

मैंने उस पर जोर दिया- बोल, क्या बात है?

Kamuk Chudai Story > तुम्हारे बिना नहीं रह सकती

तो उसने बताया- सर, मम्मी की तबियत खराब है बहुत ज्यादा… और मैंने छुट्टी ली तो जॉब से निकाल देंगे। और मुझे इस वक्त पैसों की सख्त जरूरत है।

मैंने कहा- तो रो क्यों रही है? पहले आँसू पौंछ और चेहरे पर थोड़ी स्माइल ला।

वो बोली- सर, कहाँ से लाऊँ हंसी मैं… मेरी लाइफ में कुछ अच्छा नहीं है, जो हंसती हूँ वो भी सिर्फ दिखावे की हंसी है।

मैंने कहा- चल बाहर कैंटीन में चलते हैं, वही बात करते हैं।

हम दोनों बाहर आ गये।

मैं उनका हेड था तो मुझे कोई कुछ कह नहीं सकता और उसे मेरे सिवा कौन कुछ कहता क्यूंकि उनका हेड मैं ही था।

हम दोनों कैंटीन में आकर बैठ गये।

Kamuk Chudai Story > मजा तो मुझे भी आ गया

मैंने बैठते ही कहा- तुम छुट्टी ले लो कुछ दिन की और अपनी मम्मी का ध्यान रखो।

तो बोली- सर जॉब चली जाएगी मेरी।

मैंने कहा- मैं हूँ ना ! अगर चली भी गई तो नई मिल जाएगी।

‘वो भी सर नहीं मिली तो मेरे घर में गरीबी का आसमान टूट पड़ेगा।’

मैंने उसे दिलासा दिलाया और कहा- मैं हूँ ना, विश्वास कर।

मैंने उसके हाथ पर हाथ रखा।

वो मेरी बात से सहमत हुई।

फिर मैंने कहा- चल तुम्हारे घर चलते हैं शाम को, तुम्हारी मम्मी से भी मिल लूँगा और तुम्हारा घर भी देख लूँगा।

Kamuk Chudai Story > घोडी बनाकर चोदो मुझे