अमृत कुण्ड जैसी चूत का रस

मैं इंजीनियरिंग कॉलेज में दूसरे वर्ष का छात्र हूँ। पहला साल खत्म होने के बाद मैं कमरे की तलाश में था। पहले साल में तो हॉस्टल में था इसलिए मुझे कमरे की चिन्ता नहीं थी, लेकिन दूसरे साल में हॉस्टल में नहीं रह सकते इसलिए अपना खुद का कमरा लेना ही पड़ता है। desi chut

मैंने अपने एक सीनियर आशीष के कहने पर बस स्टैण्ड के पास एक कमरा ले लिया।

कमरे की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी लेकिन कमरा काफी सस्ता था और बेवजह की रोक-टोक नहीं थी, इसलिए मैंने वहाँ रहने का फैसला ले लिया।

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मेरा कमरा छत पर था, एक दिन शाम को मैं छत पर टहल रहा था तो मैंने बगल वाली छत पर मेरी क्लास की एक लड़की सुरभि को देखा, मैंने उसे मुस्कुरा कर देखा, वो भी मुझे देखकर मुस्कुराई।

मैं उससे कुछ पूछने ही वाला था कि उसकी मम्मी ने उसे आवाज दी और वो नीचे चली गई।

सुरभि हमारे कॉलेज की एक चर्चित लड़की है। वो हमारे कॉलेज की ‘मिस फ्रेशर’ भी रह चुकी है।

हालांकि सुरभि पढ़ाई में ज्यादा होशियार नहीं है, किन्तु सुरभि का शरीर एकदम सांचे में ढला हुआ है, उसका फिगर साईज 34-28-34 होगा और उसका कद लगभग 5 फुट 4 इन्च के लगभग होगा।

उसका रंग साफ, उरोज एकदम गोल एवं कसे हुए हैं, जो कि उसकी सुन्दरता में चार चांद लगा रहे थे।

उसके नितम्ब एकदम भरे हुए हैं जो किसी भी मर्द का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिये काफी हैं।

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जब भी वो मिनी स्कर्ट में कॉलेज आती है उसकी चिकनी टाँगें देखकर सारे लड़के ‘आहें’ भरते हैं। सुरभि के पीछे कॉलेज के काफी लड़के पड़े हुए हैं, पता नहीं कितनों ने उसे प्रपोज किया था और न जाने कितने ही नए आशिक उसे पटाने के सपने संजोते रहते हैं।

अगले दिन हम कॉलेज में मिले, उसने बताया कि वह बगल वाला घर उसका है। वहाँ वह अपने मम्मी, पापा एवं अपनी बड़ी बहन के साथ रहती है, उसकी बड़ी बहन जयपुर में पढ़ती है।

उसके बाद उसने मुझसे पूछा- तुम वहाँ कल क्या कर रहे थे?

तो मैंने बताया- मैंने बगल वाले मकान में कमरा किराए पर लिया है।

फिर हमारी क्लास का समय हो गया और हम क्लास में चले गए।

मेरा ध्यान क्लास में सिर्फ उसी की तरफ था, वो क्लास में आगे वाली पंक्ति में बैठती है।

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क्लास के बाद मैं शाम को छत पर टहल रहा था, मेरा ध्यान सुरभि के घर की तरफ था, मैं उसी का इंतजार कर रहा था कि वो कब आए और कब हमारी बात शुरू हो।

तभी वो छत पर अपनी किताब लेकर आई, मैंने उसको देख के हंस कर अभिवादन किया तो उसने भी मुस्कुरा कर प्रत्युतर दिया और पढ़ाई में लग गई, मैं तो उसे ही देखे जा रहा था, थोड़ी-थोड़ी देर में वो भी नजरें चुरा कर मुझे देख रही थी।

मैंने उससे बात शुरू की, पहले तो मैंने इधर-उधर की बातें की, मैंने उससे पूछा- तुम्हारी पसंद-नापसंद क्या-क्या है?

तो उसने मूवी, चैटिंग,घूमना आदि को अपनी पसन्द बताया और साथ ही उसने बताया कि वह पूरे दिन घर में अकेली रहती है।

जैसे ही उसकी मम्मी ऑफिस से घर आतीं, वो तुरन्त नीचे चली जाती क्योंकि उसकी मम्मी काफी पुराने ख्यालात वाली औरत हैं और सुरभि का किसी भी पराये लड़के से बात करना उन्हें जरा भी पसन्द नहीं है।

एक दिन जब हमारा छुट्टी का दिन था तो उसने मुझे अपने घर मूवी देखने का न्यौता दिया।

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मुझे तो जैसे मन मांगी मुराद मिल गई।

हॉलीवुड मूवी थी, हम दोनों ने मूवी को काफी पसंद किया।

मूवी देखते समय भी मेरा पूरा ध्यान सुरभि की तरफ ही था, उसका खिलखिला कर हंसना, कॉमेडी सीन पर ताली मारना.. बस बार-बार वही ध्यान आ रहा था।

मैं चाह कर भी उसे अपने दिमाग से निकाल नहीं पा रहा था। शायद यह सिर्फ एक आकर्षण मात्र था जो एक पुरूष का एक सुन्दर स्त्री के प्रति होता है।

अब जब भी हमारी छुट्टी होती हम कोई ना कोई मूवी ले आते और मजे से देखते। एक बार मैंने उसे कुछ फिल्मों की सीडियाँ दीं और कहा- तुम इन्हें घर पर ले जाकर इनमें से कोई मूवी चुन लेना जो अपन अगली छुट्टी पर देखेंगे।

मैंने उनमें एक एडल्ट मूवी की सीडी भी डाल दी थी। मैंने उसे सीडियाँ दीं और अपने कमरे में आ गया।

मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, मुझे डर था कि कहीं वो नाराज ना हो जाए और मुझसे दोस्ती हमेशा के लिये ना तोड़ दे।

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