कॉलेज का पहला दिन और मैं सबसे आगे वाली बेंच पर बैठा हुआ था मैं कक्षा में टीचर का इंतजार कर रहा था लेकिन प्रोफ़ेसर साहब अभी तक आए नहीं थे। क्लास में कुछ चुनिंदा बच्चे ही बैठे हुए थे क्योंकि पहला दिन था इसलिए सब लोगों से परिचय तो नहीं हो पाया और क्लास खत्म होने के बाद मैं जल्दी से अपने घर लौट गया। ladki ki chudai
अगले दिन जब मैं अपनी क्लास में बैठा हुआ था तो उस वक्त मेरे बगल में अमित बैठा हुआ था अमित और मैंने एक दूसरे से हाथ मिलाया अमित ने मुझे अपना परिचय दिया और मैंने उसे अपना परिचय दिया।
Ladki ki Chudai > दुख में यौवन का सहारा
अमित ही अब मेरा सबसे अच्छा दोस्त था क्योंकि मैं अमित को ही पहचानता था और उसके अलावा मैं क्लास में किसी और को पहचानता तक नहीं था।
अमित और मैं बात कर ही रहे थे कि तभी एक लड़की बड़े चश्मे लगाए और बिल्कुल ही साधारण से लुक में वह क्लास में आई उसकी तरफ मैंने देखा तो अमित मुझे कहने लगा कि यह लड़की कितनी सीधी लग रही है।
मैंने अमित को कहा हां लड़की तो बहुत ज्यादा सीधी है हम दोनों बात कर रहे थे तो अमित ने मुझसे पूछा कि तुम्हारे पिताजी क्या करते हैं।
मैने अमित को बताया कि मेरे पापा स्कूल में अध्यापक हैं मैंने जब अमित से यह बात पूछी तो हम अमित ने भी मुझे कहा कि मेरे पापा भी स्कूल में अध्यापक हैं।
Ladki ki Chudai > मजा तो मुझे भी आ गया
हम दोनों की पारिवारिक स्थिति बिल्कुल एक जैसी ही थी क्योंकि अमित घर में इकलौता है और मैं भी घर में इकलौता हूं। थोड़ी देर बाद प्रोफेसर साहब भी क्लास में आये और उन्होंने उस दिन सब का परिचय लिया उस दिन पढ़ाई तो नहीं हो पाई और थोड़े ही समय बाद सुचारू रूप से पढ़ाई सुरु हो गई अब सब लोग अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने लगे थे।
धीरे-धीरे सब लोगों से परिचय भी होने लगा तो और अच्छी दोस्ती होने लगी थी लेकिन अमित और मेरी दोस्ती बहुत गहरी हो चुकी थी और हम दोनों एक दूसरे के साथ बड़े अच्छे से रहते।
हम दोनों को एक दूसरे का साथ अच्छा लगता वह समय इतनी तेजी से निकला कि पता ही नहीं चला कब कॉलेज का आखिरी वर्ष आ गया ममता से भी अब मेरी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी और ममता भी अब पूरी तरीके से बदल चुकी थी।
ममता अब वह पहले वाली सिंपल और साधारण ममता नहीं थी बल्कि अब वह स्टाइलिश और बिंदास ममता बन चुकी थी क्योंकि वह पूरी तरीके से बदल चुकी थी। पढ़ाई पूरी होने के बाद मैंने अपनी आगे की पढ़ाई मुंबई से करने के बारे में सोचा अमित ने मुझसे पूछा कि तुम आगे कहां से पढने वाले हो तो मैंने अमित को बताया कि मैं अपने चाचा के पास मुंबई जा रहा हूं और वहीं से मैं आगे की पढ़ाई करूंगा।
Ladki ki Chudai > तुम्हारे बिना नहीं रह सकती
अब सब कुछ पीछे छूट चुका था क्योंकि अमित कुरुक्षेत्र में ही था और मैं मुंबई में आ चुका था मैं मुंबई के एक अच्छे कॉलेज में पढ़ने लगा और जब मेरी कॉलेज की पढ़ाई पूरी हुई तो एक दिन मुझे अपने दोस्तों की बड़ी याद आ रही थी तो मैंने अमित को फोन किया और कहा कि अमित क्यों ना हम लोग एक दूसरे से मिले।
अमित भी इस बात से सहमत था और कहने लगा कि हां यार हम लोगों को मिलना चाहिए वैसे भी सब लोगों को मिले हुए कई वर्ष हो चुके हैं। अमित ने हीं सारा कुछ अरेंजमेंट किया और हम लोगों ने मिलने का फैसला किया हमारी क्लास में पढ़ने वाले अधिकतर बच्चे हम लोगों को मिले और जब मैं ममता से मिला तो ममता से मिलकर भी मुझे अच्छा लगा।
ममता ने मुझे बताया कि उसकी नौकरी एक सरकारी विभाग में लग चुकी है ममता इस बात से बहुत खुश थी और मैं भी अब एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करने लगा था समय के साथ सब कुछ बदल चुका था।
अब अमित अपना बिजनेस शुरू कर चुका था और सब कुछ पूरी तरीके से बदल चुका था सबको मिलकर ऐसा लगा कि जैसे अब सब लोग अपने काम के पीछे दौड़ रहे हैं और मुझे तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा कि किसी के चेहरे पर अब वह पहले वाली बात है क्योंकि सब लोग सिर्फ अपने काम को लेकर ही बात कर रहे थे।
Ladki ki Chudai > क्या तुम फ्री हो?
अमित मुझे कहने लगा कि रोहित तुम मुंबई कब जाओगे तो मैंने अमित को कहा मैं दो दिन बाद मुंबई चला जाऊंगा और दो दिन बाद मैं मुंबई चला गया। अपने दोस्तों से मिलकर मुझे अच्छा लगा इतने समय बाद मैं अपने दोस्तों से मिला था तो मुझे बहुत खुशी हुई और सब कुछ अब पूरी तरीके से बदल चुका था।
एक दिन मुझे ममता का फोन आया और ममता मुझे कहने लगी कि रोहित तुम कहां हो तो मैंने ममता को कहा ममता अभी तो मैं ऑफिस में हूं और एक जरूरी मीटिंग में हूं मैं तुमसे थोड़ी देर बाद बात करता हूं।