बाथरूम में पंजाबन कुड़ी की चुदाई

मनु- ओह तो तुम सब देख रहे थे।

मैं- हाँ डियर, मैं कबसे तुम्हें अपनी बाहों में भरना चाहता हूँ, तुम्हारे साथ मजे करना चाहता हूँ।

बाहों में भरते हुए मैंने उसके लबों पे अपने लब रख दिए।

‘आआआम्मूऊऊआअह्ह्ह आअम्मूऊऊअह्ह्ह’ मैं उसके लबों को चूसने लगा।

अमुउउउउहहहह !

क्या रस भरे हुए थे उसके लबों में।

मैं वो सारा रस पी जाना चाहता था!

आमुउउअअह्ह्ह !

कभी उसके ऊपरी लब को चूसता तो कभी नीचे।

उसकी जीभ से जीभ टकरा कर उसके लबों को काफी चूसा।

Desi Chudai Kahani > हम तो आपका दूध पिएँगे

फिर उसने मुझे रोक दिया, कहा- यहाँ कोई देख लेगा। कल सुबह जब मैं कहूँ, तब बाथरूम में नहाने जाना।

और प्यार भरी चुम्मी दे के वो चली गई।

दोस्तो, वास्तव में मेरा और उसके रूम का एक ही बाथरूम है लेकिन इस बाथरूम को उसका परिवार कभी इस्तेमाल नहीं करता था, उसके तरफ से दरवाजा हमेशा बंद रहता था।

मैं जैसे तैसे रात में चुदाई की कल्पना किये सो गया।

सुबह दस बजे के लगभग उसने मुझे कॉल किया और कहा- अब आ जाओ, मम्मी भैया दोनों बाहर गए हुए है और सुनीता (हॉस्टल की नौकरानी) भी काम में लगी है।

मैं बाथरूम में तुरंत घुस गया और 5 मिनट बाद उसने अपने तरफ का खटकटाया।

मैंने झट से दरवाज़ा खोला, वो तुरंत अंदर आ गयी सफ़ेद टॉप और जीन्स में।

कहर ढा रहे था उसका बदन उन कपड़ों में !

उसके बड़े बड़े बूब्स (indian big boobs) शरीर से अलग नज़र आ रहे थे।

Desi Chudai Kahani > दुख में यौवन का सहारा

मैंने उससे कहा- कितनी देर लगा दी, कब से इंतज़ार कर रहा हूँ।

बिना कुछ बोले वो मुझसे चिपक गयी और मेरे लबों को चूमने चूसने लगी ‘अममउह्ह्हम्मूआह्ह !’ मेरे बालों को सहलाने लगी, गर्म साँसों के साथ बोली- डियर कुछ मत बोलो, सिर्फ मजे करो ! मैं कबसे तड़प रही हूँ, बहुत दिन से प्यासी हूँ।

मैंने भी उसे ज्यादा न तड़पाते हुए उसके लबों को चूसने लगा ‘आआह्ह्हमुआहहहः आआअम्मुहहुमा’ उसकी पीठ को कमर को सहलाने लगा।

उसके गालों को खूब चूस रहा था ‘आआअम्मूऊऊअहह मुउुआअह्ह्ह’ सच में जन्नत मिल गयी थी।

एक सुन्दर पंजाबी लड़की और क्या चाहिए।

मैं उसके लबों को बेतहाशा चूसे जा रहा था, उसने मेरे कानों के नीचे खूब चूसा !

मुझे बहुत मजा आ रहा था उसकी इस हरकत से !

उसकी गर्म साँसों की आवाज़ मुझमें सेक्स भर रही थी।

मैंने शावर चालू कर दिया।

Desi Chudai Kahani > तुम्हारे बिना नहीं रह सकती

उसने कहा- रुको डियर, कपड़े उतार दूँ, वरना गीले कपड़ों के साथ बाहर गयी तो सुनीता को शक हो जायेगा।

मैंने कहा- लाओ डियर, मैं उतार देता हूँ।

और मैंने उसका टॉप और जीन्स उतार दिए।

अब वो ब्लैक ब्रा और ब्लैक पेंटी में थी।

गज़ब की सेक्सी लग रही थी।

सफ़ेद गोरे बूब्स पे ब्लैक ब्रा से मस्त और कुछ हो नहीं सकता।

मैंने शावर ओन कर दिया और अब उसके भीगे बदन को चूमने लगा।

फिर से उसके लबों को चूसा ‘आअह्ह्हमूआह्ह्ह’ उसके गले को बेतहाशा चूसा ‘आअहहंऊऊअहअहहा अमुउउउह्ह्ह’ उसके बूब्स उसके ब्रा के ऊपर से ही दबा के उसके चेहरे को खूब चूसा।

वह भी गर्म होकर मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लौड़े को सहलाने लगी, ऊपर नीचे करने लगी।

Desi Chudai Kahani > दुख में यौवन का सहारा