मैं टॉवल ढूंढते हुए फिर से झुकी तो मेरा पल्ला फिर फिर गया. मैंने उसे फिर से ठीक किया पर जैसे ही मैं फिर से ढूंढने के लिए झुकी तो मेरा पल्ला फिर से गिर गया. मैंने इस बार उसे गिरा ही रहने दिया ये सोच कर की मैं रूम में अकेली ही तो हूँ और ढूंढने में तो इर भी बार गिरेगा तो कब तक संभल कर रख पाऊँगी.
मैं सर्च ही कर रही थी की अचानक से गेट ओपन हुआ और मैं शॉक से जैसे की जैसे ही बैठी रही. पूरी तरह से झुके होने के कारण मेरे बूब्स (indian big boobs) काफी बहार आ गए थे और बहुत सेक्सी से दिख रहे थे.
मेरे क्लीवेज का नजारा और मेरे सामने से गिरे हुए बाल मुझे हद्द से ज्यादा सेक्सी बना रहे थे, गेट एकदम से ओपन हुआ और मयंक कुछ बोलते हुए एकदम से अन्दर आ गया.
‘भाभी आज शाम, ह्म्म्म..’
Bhabhi ki Chut Chudai > मामी ने दिखाया स्वर्ग का दरवाजा
जैसे ही उसने मेरे बूब्स की और देखा तो उसकी जबान अटक गयी और उसकी आँख खुली की खुली रह गयी.
मेरे दोनों बूब्स जिसको शायद वो दूध बोलता होगा वो उसके सामने थे. ब्लाउज में बूब्स बंद होने के कारण दोनों दूध आपस में टकरा रहे थे. उन्हें देख कर वो शायद सब कुछ भूल गया था.
मैं एकदम से होश में आ गयी और घुटने पर अच्छे से बैठ कर पल्लू ठीक करने लगी.
उसने एकदम से कहा ‘सॉरी भाभी, मुझे गेट नॉक करके आना था’ और गेट फिर से बंद कर दिया.
मैंने एकदम से कहा ‘मयंक..!!’
Bhabhi ki Chut Chudai > घोडी बनाकर चोदो मुझे
उसने फिर से गेट ओपन किया और कहा ‘जी भाभी’.
ये कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं. मैंने कहा तुम कुछ कह रहे थे उस समय, किस काम से आना हुआ था.
उसने कहा कुछ खास नहीं भाभी, मैं आपको बताने आया था की हम आज शाम को घुमने जायेंगे सभी मेहमान को लेकर आप चाहो तो आप भी आ सकती है.
मैंने कहा नहीं मयंक, मेरे लिए पॉसिबल नहीं होगा क्योंकि मैं यहाँ बाबु हूँ और मुझे कुछ फॉर्मेलिटी करनी पड़ेगी घर के काम करने की.
उसने कहा जैसे आप ठीक समझे भाभी और गेट बंद करके जाने लगा.
मुझे तभी याद आया की क्यों न मयंक से टॉवल मंगवा लूँ.
Bhabhi ki Chut Chudai > मेरी प्यासी चूत
मैं एकदम से खाड़ी होने लगी और आवाज दी ‘मयंक..!!!’
मैं उठने के लिए दोनों हाथ ज़मीन पर लगाये और उठने लगी की तभी मेरे पल्लू फिर से गिर गया और उसी वक़्त मयंक फिर से दरवाजा ओपन करके मुझे देखने लगा. इस बार फिर उसने मेरे पल्लू को गिरा हुआ देखा पर इस बार मेरे बूब्स नहीं बस क्लेअबगे ही उसे दिखाई थी.
पर वो क्लीवेज भी उसके लिए शायद बहुत था क्योंकि उसके एक्सप्रेशन से मुझे लगा की उसने कभी अपनी लाइफ में किसी लड़की के कभी क्लीवेज नहीं देखे होंगे.
मैं मन ही मन सोच रही थी की ये क्या हो रहा है आज. 40-50 मिनट में मैंने मयंक को अपने दूध के 3 बार दर्शन डे दिए. पता नहीं वो मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा.
मैंने अपना पल्ला ठीक किया और कहा की मयंक में टॉवल लाना भूल गयी हूँ, क्या तुम एक टॉवल अरेंज कर पाओगे.
Bhabhi ki Chut Chudai > सेक्सी नीलम रानी – भाग २
ये कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं. उसने कहा क्यों नहीं भाभी, बस 5 मिनट दीजिये.
मैंने उसे स्माइल दी और कहा की टॉवल गेट पर टांग देना मैं ले लुंगी.
उसने स्माइल दी और गेट बंद करके चला गया. उसके गेट बंद करते ही मैं फिरसे सुब कुछ सोचने लगी की कैसे वो ट्रेन में उस लड़के ने मेरे बूब्स को दबाया और मुझे केसे किस किया था. कैसे मयंक ने स्टेशन और घर पर मेरे बूब्स देखे, वो भी 3-3 बार..
ये सब सोच कर मैं फिर से एक्साइटेड होने लगी और धीरे धीरे करते हुए मैं अपने सारे कपडे उतारने लगी.
Bhabhi ki Chut Chudai > बर्थडे का विशेष उपहार
सबसे पहले मैंने अपना पल्ला नीचे कर फेंक दिया और अपना क्लीवेज को देख कर मयंक और ट्रेन वाले लड़के के बारे में सोचने लगी. उन्ही की याद में मैंने अपने ब्लाउज के धीरे धीरे करके 3 हुक खोल दिए और उतार कर बेड पर फेंक दिए.
फिर मैंने अपनी साडी की कमर से पिन निकल दी और साडी उतार कर बेड पर रख दी. अब मैं सिर्फ येल्लो ब्रा और पेंटी में थी. मैं मिरर के सामने गयी और अपने आप को येल्लो ब्रा और पेंटी में देखने लगी.
खुद को मिरर में इस हाल में देखने से मेरी प्यास जागने लगी और अपने आप ही मेरी सास गहरी होती चली गयी.