तभी मैंने उसके पास जाने की थोड़ी हिम्मत करके मैंने उसके पीछे से आकर उसकी कमर के सहारे से उसे ज़ोर से पकड़कर उसे नीचे गिरा दिया, लेकिन वो अब भी बहुत ज़ोर से चिल्ला और लगातार हिल रही थी, जिसकी वजह से उसको अपने काबू में करना मुझे बहुत मुश्किल हो गया था और वो अपनी दोनों आखें बंद करके चीख रही थी।
फिर में फटाफट उसके ऊपर चड़ गया और मैंने उसके दोनों पैरों को अपने घुटनों से रोक लिया और अपने एक हाथ से मैंने उसका मुहं बंद कर दिया, जिससे कि उसकी चीखने की आवाज बंद हो जाए |
और अब में तुरंत अपने दूसरे हाथ को उसके थोड़े से ढीले उस टॉप के अंदर डालकर उस कोकरोच को ढूँढने लगा। तब मैंने महसूस किया कि उसका दिल तो उस समय डरने की वजह से इतनी ज़ोर से धड़क रहा था|
कि में कुछ भी कर नहीं पा रहा था और वो लगातार उछल रही थी वो अपने एक हाथ से जैसे मुझे अपने से दूर करने की नाकाम कोशिश रही थी|
ये कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं. .. और मेरी कमर का हिस्सा उसकी कमर के ठीक ऊपर होने के कारण उसका एक हाथ अब सीधा मेरे लंड के पास ही जाकर अटक गया मैंने उसी समय उसके हाथ को रोकने के लिए अपनी दोनों जांघो को कसकर दबा दिया,|
लेकिन अभी भी वो इतनी ज़ोर से मचल रही थी कि कोकरोच उसके बूब्स के बीच से ढूँढना बड़ा ही मुश्किल हो गया और मेरा एक हाथ उसके दोनों बूब्स को इतनी ज़ोर से दबा रहा था कि जैसे कोई अपने एक सप्ताह पुराने गंदे कपड़े धो रहा हो, वो बिल्कुल ही चकित थी |
और मुझे इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं था कि उस कोकरोच को ढूँढने की वजह से मुझे पता ही नहीं चला कि कब उसका एक हाथ मेरी निक्कर के नीचे से अनजाने में अंदर फँस गया और मेरे हाथ की पकड़ उसके हाथ पर बड़ी अच्छी थी,|
लेकिन फिर भी उसका हाथ अंदर हल्का हल्का डोले जा रहा था। अब उसके नरम हाथों का स्पर्श पाने की वजह से मेरा लंड तो जैसे अब लोहे का हो गया था, लेकिन उसका पूरा ध्यान तो सिर्फ़ कोकरोच पर ही था|
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और बहुत हद तक मेरा भी दोस्तों यह सब होते हुए करीब चार से पांच मिनट गुज़र चुके थे। मुझे उस समय इतना मज़ा आ रहा था कि में आपको क्या बताऊँ? क्योंकि वो तो उस कोकरोच की वजह से चिल्ला रही थी|
और में उस बात का फायदा उठाकर उसकी छाती को हल्के से दबाकर छूकर उसके मज़े ले रहा था और में अपने काम को करने के साथ साथ उसके गोल गोल बूब्स पर अपना हाथ घुमाकर उनको महसूस कर रहा था, लेकिन उसकी चीख वैसी की वैसी ही थी।
तभी कुछ देर बाद मुझे पता नहीं क्यों में उस पर बड़ी ज़ोर से चिल्ला पड़ा “छुउउउप्प्प, चुप करो चिल्लाना, बस मिल ही गया। में उस पर बस इतनी बात कहकर चिल्लाकर उसको देखा रहा वो तो जैसे मेरे चिल्लाने से एकदम मर ही गयी हो,|
ऐसी बिल्कुल शांत हो गई और डर के मारे उसका वो हाथ अब मेरे लंड के ऊपर कसकर लिपट गया और घबराने के कारण वो एकदम चुप बिल्कुल बेजान हो गयी।
उसकी दोनों आँखें खुली की खुली रह गई और उसका वो गरम शरीर हल्का हल्का सा कांपने लगा था, वो तो जैसे मेरे नीचे पड़ी हुई बेहोश ही हो गयी हो ऐसे पड़ी रही और उसके ना हिलने की वजह से कोकरोच मुझे बहुत आसानी से मिल गया|
और फिर मैंने तुंरत अपना हाथ उसकी छाती के ऊपर से हटा लिया और अब उसकी आखों से आँसू बाहर निकल चुके थे और में भी अब तक बहुत थका हुआ सा उसके ऊपर ही उसकी छाती पर अपना सर रखकर कुछ देर ऐसे ही लेट गया और वो ज़ोर ज़ोर से हांफती रही।
दोस्तों अब उसके बूब्स दबाना और उसकी गांड पर हाथ फैरना मेरे लिये सामान्य बात हो गई है, लेकिन अभी तक मैंने उसे चोदा नहीं है ।।