मैं- आह माँ, तुम बहुत अच्छी हो, आह,…. बस आज ही आगे ऐसे कभी नही करूँगा। प्लीज़ मेरा साथ दो।
माँ- तुम्हारे पापा जानेंगे तो तुम्हे मार के फेंक देगा। छि कैसा बेटा हो तुम, शर्म करो। किया कभी तुम मुझ से नज़र मिला पाओगे। आह… हाय दैय्या …
माँ बहुत कुछ बोली जा रही थी लेकिन मेरे चुम्मन, हाथ और लण्ड की स्पर्श से वो गरम भी होती जा रही थी। फिर मैंने उसकी सुंदर झांट के बीच हाथ फेरा तो मुझे एहसास हुआ की उसकी चूत गीली हो चुकी है। मैंने एक उंगली उसकी बूर मे पेल दिया वो बिल्कुल से तड़प उठी। मैं उंगली से ही मा को चोदने लगा।
माँ- ऊ माँ, हये….. अह…. अ आ आ आ … नही… आ.. नही और नही….
अबतक मैंने उसकी चुचियो को जानवर के तरह चूसने लगा था। उसकी तड़प मे और भी आग लग गयी।
वो चुदाई की ध्वनियाँ उत्पन्न करने लगी। mom sex chudai
ओ… आ..ई..इऊ माँ……अह….आह…अह…अह..अह..
वो पूरी ताकत के साथ अपना हाथ छुरा लि और मेरे सिर के बालों को पकर के मुझे ऊपर की ओर चेहरे के पास खीच ली और जोरदार फ्रेंच किस करना चालू कर दि। मैं समझ गया की अब वो चुदाई के लिए सहमत है।
मैं- (उची उची सांस लेते हुए) थैंक्स माँ। वॉव ….. आप लाज़वाब हैं।
मैं अब धीरे से अपने लण्ड माँ के बूर मे घुसाने लगा।बूर का अंदर का गर्मी और अंदर की गर्शन मुझे अति उत्तेजित कर दिया था। माँ दर्द से कराह उठी। और जोर से मुझे पकर लि। थोड़ी देर बाद मेरे सीने को सहलाने लगी और मेरे निप्पल को चुटकी से मसलने लगी ये मुझे और भी उत्तेजित कर रहा था। उसकी मोटी मोटी जांघो से थप थप थप थप की आवाजें आने लगी थी।आप यह कहानी अन्तर्वासना सेक्स काहनी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
माँ- आह… और तेज… तुम्हारे पापा को पता नही चलना चाहिए…ए .. ए ई… अह… ह्म्म्म….. और… और…. ह्म्म्म्म….. माजा आ रहा है…. और करो….
मैं- हां हां …. ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह् ऊउह…….
माँ- दरवाजा तो! आअ ओऊ… माँ गे….. कम से कम दरवाज़ा तो लगा लेना था। अह अह …. रुकना मत…. रुको रुको…. डॉगी स्टाइल मे करो।
मैं- हां माँ, मैं भी यही चाह रहा था। chuche
मैंने लपाक से माँ की बूर से अपना लंड निकाला। बिना समय लगाये माँ कुतिया बन गयी और उसकी बड़ी बड़ी चुतर अब मेरे सामने था। मैं माँ की चुतर मे 4- 5 थापर मारे थापा थाप। उस्स से वो और उत्तेजित हो गयी।
माँ- डालो.. mom sex story
मै -हां माँ । पापा को मत कहना माँ। जो कहोगी वो करूँगा लेकिन प्लीज़ पापा को मत कहना।
माँ- अरे बाबा नही कहूँगी… अब डालो भी।
मैंने अपना लण्ड माँ के बूर मे पेल दिया। वो जोर से सिसकारी लि, और फिर वो सिसकारियाँ लेती रही। मैं चुदाई का रफ़्तार कभी तेज़ तो कभी धीरे करता रहा, मुझे जिंदगी का असीम आनंद का अनुभव हो रहा था।
अब माँ की सिसकारियाँ तेज होने लगी और पूरी रूम मे उसकी चुदाई की आवाज़ और सिसकारियाँ गूंजने लगी।
ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स अह …..हम्म्म्म्म…. अह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह…. थप थाप थप थप थप…..थप्पप्पप्प…. अः अआआआआआहहहहह ….. फच फच फच गच गच….. अह अह अह अहह अह मा मा अह म अह मा………. ….. ..
फिर मैंने माँ को पलटाया और साइड से चोदने लगा…. desi milfs
माँ- और तेज और तेज और और अह ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊऊ अह्ह्ह्ह्ह हम्म्म्म्म
मैंने अपना रफ़्तार बहुत तेज़ कर दिया। मुझे माँ के बूर मे गरम गरम चिप चिपी पदार्थ महसूस होने लगा था। मेरा चुदाई का रफ़्तार मे कोई कमी नही आया, थप थप का आवाज और भी जल्दी जल्दी आने लगा। आप यह कहानी अन्तर्वासना सेक्स काहनी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मेरा सरीर कड़ा होने लगा मैंने माँ को जोर से जकर लिया फिर मेरी पानी का धारा माँ के बूर के अंदर ही छूट गया और छूटता ही चला गया। और फिर मैं वही सो गया और माँ भी मेरे सीने से लिपट कर सो गई। 15 मिनट तक एक दूसरे से निपट कर सोये रहे, चुप चाप एक दूसरे को सहलाते रहे। फिर माँ उठ कर धरती से टॉवेल उठाई और अपने सरीर पर लपेट ली। मैं लेटे हुए ही माँ के तरफ देख रहा था।