फिर मैंने बिल्कुल फिल्मी विलेन के अन्दाज़ में नीलम रानी के बाल जकड़े और उन्हें पीछे को खींचा। मैं बहुत थोड़ी ताकत लगा रहा था क्योंकि असली रेप की एक्टिंग करने में नीलम रानी को चोट लग जाने का डर था।
बाल खिंचने से नीलम रानी का सिर पीछे को हो गया, उसकी आँखें मस्ती से चमक रही थीं, उसे इस कशमकश में बड़ा मज़ा आ रहा था।
मैंने अपना मुँह झुका के नीलम रानी के प्यारे होंठों को चूसना शुरू किया।
क्योंकि उसके बाल मैंने जकड़े हुए थे, इसलिये वो अपना मुँह बिल्कुल इधर उधर नहीं हिला सकती थी लेकिन फिर ही वो मुझे नाखूनों से नोच खसोट रही थी।
मैंने नकली गुस्से से गुर्रा के कहा- सुन रानी… अब तू फालतू नोचा नाची ना कर… आज मैं तुझे चोदे बिना तो छोडूंगा नहीं… जितना लड़ने की कोशिश करेगी, उतना ज़्यादा दर्द होगा अगर तुझे चोट लग गई तो मैं ज़िम्मेवार नहीं… चुप करके मुझे नंगी कर लेने दे उस पेड़ के पीछे। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा…तेरी यह मदमस्त जवानी मेरे बर्दाश्त से बाहर हो चली है।
Antarvasna Sexy Story > मुझे शॉपिंग करवा दो
नीलम रानी ने गुस्से से भरी हुई सख्त आवाज़ में जवाब दिया- हरामी, बड़ा आया नंगी करने वाला… नंगी कर जाकर अपनी जोरू को, अपनी बहन को… अब फौरन छोड़ दे मुझे… मेरे बापू को पता चल गया तो तेरे टुकड़े टुकड़े कर देगा।
‘टुकड़े टुकड़े तो जब करेगा तब करेगा… अभी तो मैं तेरी चूत लूँगा।’ यह कह कर मैंने उसके बालों को उमेठा और घसीटकर बिस्तर पर पटक दिया।
‘इस पेड़ के पीछे तुझे कोई नहीं देख पायेगा।’ मैंने एक काल्पनिक पेड़ की तरफ इशारा करते हुए कहा और नीलम रानी के संभलने से पहले ही उसे मैंने दबोच लिया, कस के जो उसके मम्मे भम्भोड़े तो उसकी आहें निकल गईं।
खटाक से उसके सलवार का नाड़ा खींच कर खोल दिया, अपनी दोनों टांगों से उसकी टांगें जाम कर दीं और सलवार घुटनों तक ले आया।
फिर मैं उसके पैरों की तरफ मुँह करके नीलम रानी की रेशमी जाँघों पर चढ़ बैठा और सलवार पूरी उसके पैरों से बाहर निकाल दी।
Antarvasna Sexy Story > दुख में यौवन का सहारा
नीलम रानी लगातार मेरे बदन पर मुक्के मारे जा रही थी लेकिन मेरे सख्त शरीर पर उसके फूल जैसे मुक्के कुछ भी असर न कर पा रहे थे।
मैंने उसकी सलवार उतार कर दूर फेंक दी और फिर पलट के मुँह नीलम रानी की तरफ कर लिया।
इस बार मेरा निशाना नीलम रानी के कुर्ते पर था। एक ज़ोर से जो हाथ चलाया तो उसका बारीक से कपड़े का कुर्ता चिर्र चिर्र की आवाज़ करता हुआ फट गया।
मैंने नीलम रानी की ब्रा की तनी पकड़ के ज़ोर से खींची तो वो भी टूट गई और एक शॉट में नीलम रानी के बदन का ऊपर का भाग भी नंगा हो गया था।
नीलम रानी के मदमाते उरोज नंगे देख कर मेरी उत्तेजना एकदम रॉकेट रफ़्तार से आकाश की ओर उड़ी।
मैंने दोनों चूचे जकड़ कर ज़ोर ज़ोर से दबाना शुरू किया और कहा- देख अब मैं इन मम्मों को कैसे कुचलता हूँ… आज इन हरामज़ादे थनों को पीस कर चटनी ना बना दी तो रानी मैं जीतू नहीं।
मैंने चूचों को खूब कस कस के उमेठा, खींचा और निचोड़ा।
नीलम रानी आह आह… कर रही थी और अपनी मुष्टि बांध कर बार बार मेरे सीने पर मुक्के पर मुक्का मार रही थी।
Antarvasna Sexy Story > घोडी बनाकर चोदो मुझे
अचानक उसने मुँह उठाकर मेरी बांह पर ज़ोरों से दांत गड़ा के काट खाया। मैंने एकदम फिल्मी विलेन के स्टाइल में एक चांटा बहुत धीरे से उसके वासना तमतमाये गाल पर मारा।
चांटा क्या एक हल्की सी थपकी थी।
नीलम रानी ने दांत भींच कर गुस्से से कहा- राजे, तू भूल गया तू रेप कर रहा है… ऐसे प्यार से थपकाएगा तो हो चुका रेप…!
मैंने ज़रा सा और ज़ोर से थप्पड़ उसके दूसरे गाल पर मारा।
इस बार उसे लगा कि हाँ, चांटा लगा है गाल पर।
उसने सिर थोड़ा सा दूसरी तरफ कर लिया जिससे दूसरा गाल मेरे सामने आ गया। यानी कि नीलम रानी एक चांटा और खाना चाहती थी।
मैंने दूसरे गाल पर भी बस थोड़ी सी ताक़त से चांटा रसीद किया।
मैं अब इस तमाशे से कुछ कुछ मज़े में आने लगा था।
नीलम रानी की आँखों में जो चमक आ गई थी, उसने मेरी उत्तेजना को और भी अधिक बढ़ा दिया था।
Antarvasna Sexy Story > बर्थडे का विशेष उपहार
मुझे दिख रहा था कि नीलम रानी को इस ज़बरदस्ती के खेल में दर्द पाकर बहुत आनन्द आ रहा था।
मैंने नीलम रानी के बाल जकड़ कर ज़ोर से पीछे को खींचे जिससे उसका मुँह ऊपर को उठ गया।
मैंने बालों को ज़ोर से उमेठा तो उसका मुँह पूरा का पूरा ऊपर को हो गया, माथे की चमड़ी टाइट हो गई जिस से अब वो आँखें भी नहीं मूंद सकती थी।
मैंने उसके रसीले होंठों को मज़े ले लेकर चूसना शुरू किया।
अब वो बिल्कुल बेबस हो चुकी थी, अपना चेहरा टस से मस भी करती तो भी उसके बालों का खिंचाव उसे मजबूर कर देता कि वो अपना मुँह तनिक भी न हिलाये।
नीलम रानी के पास कोई रास्ता नहीं था अपने होंठ चुपचाप चुसवाने के सिवाय।
अब वो ना अपना चेहरा इधर उधर कर सकती थी और ना अपना नीचे का बदन क्योंकि मैं उसकी जाँघों पर चढ़ कर बैठा हुआ था।
वो सिर्फ अपने पैर और हाथ हिला सकती थी, पैर हिला के कुछ होना नहीं था, तो हाथों का इस्तेमाल वो करे जा रही थी मुझे मुक्के लगाने में या नोचने में।
दोनों ही उसके हथियार मेरे ऊपर कुछ भी असर नहीं डाल पा रहे थे।
Antarvasna Sexy Story > बेताबी चुदाई की