क्या तुम फ्री हो?

मैंने उसका नंबर नहीं लिया लेकिन जब मैंने मीना से उसकी बहन सुहाना का नंबर मांगा तो उसने मुझे नंबर देते हुए कहा भैया दीदी भी उस दिन कह रही थी कि मैं सोहन का नंबर नहीं ले पाई। मैंने सुहाना का नंबर ले लिया था और उसके बाद मैंने सुहाना को फोन किया सुहाना मुझे कहने लगी हमारे साथ में जितने भी लोग पढ़ते थे वह सब कहां है मैंने सुहाना से कहा तुम्हारे टच में क्या कोई भी नहीं है।

वह मुझे कहने लगी तुम्हें तो मालूम ही है कि मेरे टच में कोई भी नहीं है और मैं ज्यादा किसी के साथ भी संपर्क नहीं रखती थी। मैंने सुहानी से कहा मैं अपने पुराने दोस्तों को फोन करता हूं और हम लोग एक गेट टूगेदर पार्टी रखते हैं सुहाना कहने लगी हां ठीक है हम लोग एक पार्टी रख लेते हैं।

सुहाना इस बात के लिए तैयार हो चुकी थी और मैंने भी अपने कुछ पुराने दोस्तों को फोन किया जब मैंने उन्हें फोन किया तो उन्होंने कहा कि क्यों नहीं तुम पार्टी रख लो हम लोग जरूर आएंगे।

मेरे जितने भी दोस्त हैं उनसे मेरा भी संपर्क है और उन लोगों से मेरी बात होती ही रहती है वह लोग बहुत ही खुश थे और उन्होंने मुझे कहा कि तुम ही सारा अरेंजमेंट करोगे और तुम पर ही सारी जिम्मेदारी होगी।

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मैंने तो जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया था लेकिन अब मैं इस चीज से अपना पल्ला भी नहीं झाड़ सकता था फिर मैंने सारि जिम्मेदारी ले ली मैंने ही सारा अरेंजमेंट किया मैंने एक होटल में हॉल बुक कर लिया था और वहां पर मैंने अच्छी तरीके से पूरा अरेंजमेंट करवाया।

जब मुझे मेरी क्लास के लड़के और लड़कियां मिली तो मैं बहुत खुश हो गया और सुहाना भी बहुत खुश थी सुहाना मुझे कहने लगी यार कॉलेज में तो मैंने तुमसे कभी इतनी बात नहीं की लेकिन अब तुम से बात कर के अच्छा लग रहा है मुझे तुम्हें समझने का मौका मिला तुम बहुत ही अच्छे हो।

मैंने सुहाना से कहा मीना कैसी है तो वह कहने लगी मीना भी ठीक है और वह तुम्हारी बहुत तारीफ करती रहती है और कविता के बारे में तो वह हर रोज बात करती है मैं उसे कई बार कहती की इतनी ज्यादा गहरी दोस्ती भी ठीक नहीं है लेकिन वह कहती हैं कि हम दोनों की दोस्ती कभी नहीं टूट सकती।

मैंने सुहाना से कहा चलो फिर आज पार्टी का इंजॉय करें सब लोग आ चुके थे कोई डांस कर रहा था और कोई अपनी फैमिली के बारे में बात कर रहा था कुछ लोगों की शादी हो चुकी थी लेकिन मेरी शादी अभी तक नहीं हुई थी।

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मैंने जब अपने दोस्तों से पूछा कि तुम्हारा शादीशुदा जीवन कैसा चल रहा है तो वह कहने लगे हमारा शादीशुदा जीवन तो अच्छा चल रहा है मैं उनसे बात कर के बहुत खुश भी था। पार्टी भी बड़े अच्छे से हुई पार्टी के बाद मैंने सुहाना को उसके घर पर छोड़ दिया और मैं वहां से अपने घर चला आया अगले दिन मेरी ऑफिस की छुट्टी थी तो मैं उस दिन घर पर ही रहा।

मुझे सुहाना का फोन आया वह कहने लगी क्या आज तुम घर पर ही हो। मैंने उसे कहा हां मैं घर पर ही हूं वह मुझे कहने लगी मुझे तुमसे मिलना था मैंने उसे कहा क्या तुम्हें कोई जरूरी काम था।

वह कहने लगी नहीं जरूरी काम तो नहीं था लेकिन ऐसे ही तुमसे मिलने के बारे में सोच रही थी। मैंने सुहाना से कहा ठीक है मैं तुम्हें मिलने आता हूं मैं उससे मिलने के लिए चला गया वह मुझे कहने लगी दरअसल मेरा घर पर आज मन नहीं लग रहा था तो सोचा तुम्हें फोन कर लू।

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मैं समझ चुका था कि वह मेरे साथ समय बिताना चाहती है और वह मुझसे कुछ चाहती है मैंने सुहाना से कहा ठीक है हम लोग कहीं घूमने चलते हैं। उसे मैं अपने साथ घुमाने ले गया लेकिन रास्ते में जब मेरा हाथ उसकी जांघ पर पड़ा तो मैं उसकी तरफ देखने लगा मैंने जब उसके स्तनों पर अपने हाथ को रखा तो वह मुझे कहने लगी तुम गाड़ी आगे देख कर चलाओ।

मैंने उसे कहा तो फिर कहीं चले उसने मुझे कुछ जवाब नहीं दिया मैं उसे अपने साथ अपने घर पर लेकर चला गया जब वह मेरे साथ आई तो मैंने उसके होठों को जमकर चूसा। उस दिन उसने मेरे लंड को बहुत अच्छे से सकिंग किया वह मेरे लंड को बहुत अच्छे से सकिंग कर रही थी और पूरे जोश में थी।

उसने मेरा साथ भरपूर तरीके से दिया जब मैंने सुहाना की योनि को चाटना शुरू किया तो वह उत्तेजित होने लगी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है मैंने उसके साथ जमकर मजे लिए, जैसे ही मैंने उसकी टाइट चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया तो वह चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

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मैं उसे तेजी से धक्के मार रहा था वह अपने मुंह से सिसकिया ले रही थी लेकिन हम दोनों ही अपने आप पर काबू नहीं कर पाए मैं पूरी तरीके से जोश मे आ गया मुझे बिल्कुल भी एहसास नहीं हुआ कि सुहाना को इतना ज्यादा तकलीफ हो रही है।

मैंने जब उसकी योनि को देखा तो उसकी योनि से खून का बहाव हो रहा था और वह बड़ी तेजी से अपनी मादक आवाज में सिसकिया ले रही थी लेकिन जब उसकी योनि से कुछ ज्यादा ही गर्मी बाहर की तरफ आने लगी तो उसकी योनि की गर्मी को मे ज्यादा देर तक नहीं झेल पाया।

मैंने जैसे ही अपने लंड को बाहर निकाला तो उसकी योनि से खून निकल रहा था और मेरा लंड भी छिल चुका था मुझे उम्मीद नहीं था कि इतनी बुरी तरीके से लंड छिल जाएगा।

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मैंने उम्मीद नहीं थी लेकिन अब हम दोनों के बीच में सेक्स आम हो चुका था और हम दोनों बहुत ज्यादा मजे लेते है मैं उसे अपने पास बुला लिया करता हूं। kamuk kahaniya