मेरा नाम है परमजीत, मैं अमृतसर की रहने वाली हूँ, मेरा घर अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक गाँव में है, मेरी उम्र बीस साल है, मेरी शादी हो चुकी है लेकिन मैं अभी कंप्यूटर का दो साल का कोर्स कर रही हूँ। वैसे तो मैं शुरु से मनचली और चंचल लड़की हूँ, मेरे घर का वातावरण अच्छा नहीं था क्योंकि मैं गाँव में जन्मी हूँ और वहीं पढ़ी हूँ… desi sex chudai katha me sexy biwi ki bur aur gaand me mast thukai padhkar aapka mota lund funfana jayega.
माँ को गैर मर्दों के साथ देख-देख मेरी कलि उम्र से पहले खिलने लगी, जब मैं स्कूल में थी तभी से मेरे उभारों का विकास शुरु हो गया था, देखते ही देख्ते समय से पहले मुझ पर जवानी का सैलाब आ गया, मुझे लगता कि मेरे अन्दर बाकी लड़कियों से कुछ अलग है।
Desi Sex Chudai Katha > अपने यार को प्यार नहीं करोगी?
मेरा बदन तब से ही लड़कों को देख कर जलने लगा, जब भी नहाने लगती जब मेरा ध्यान मेरे उभारों पर जाता, मुझे कुछ कुछ होने लगता, जब अपने हाथ से वहाँ साबुन लगाती, मुझे अलग सी तरंग छिड़ती, लहर सी छाने लगती।
माँ तो माँ ! मेरी बड़ी बहन मनप्रीत मेरे से दो साल बड़ी है, इतना मुझे मालूम था कि स्कूल के एक सबसे गुंडा टाइप लड़के से उसका चक्कर ज़ोरों पर है, उसकी जवानी भी बहुत भयानक थी। हम दोनों माँ पर गईं थी।
फिर एक दिन माँ घर नहीं थी, उस दिन ऐन मौके पर उसने कहा- मेरे पेट में बहुत दर्द है, मैं स्कूल नहीं जा रही।
मैंने कहा- मैं भी रुक लेती हूँ !
लेकिन उसने कहा- नहीं, तू जा !
मुझे उस पर कुछ शक हुआ, लेकिन मैं चली गई, स्कूल गई और बीमारी का बहाना लगा वहाँ से छुट्टी लेकर जल्दी लौट आई।
मेन-गेट तो खुला था लेकिन एक कमरे का दरवाज़ा बंद था। मुझे यकीन था कि दीदी का इरादा नेक नहीं था, मैं पिछली खिड़की के पास गई, अन्दर का दृश्य देख मेरी खुद की कच्छी गीली होने लगी। दीदी पूरी नंगी हुई बिस्तर पर पड़ी थी और हमारे खेतों में काम करने वाले दोनों नौकर भी नंगे अपने अपने लौड़े दीदी के पास लेकर घुटनों के बल बैठे थे।
Desi Sex Chudai Katha > भाभी की मोटी गांड देखकर झड़ गया
दीदी को अचानक क्या हुआ कि उसने एक का मुँह में ले लिया। दूसरा दीदी के मम्मे चूस रहा था। फिर दीदी ने बारी से दोनों से अपनी चूत मरवाई। वो चले गए, मेरी हालत पतली हो गई।
उसी दिन शाम को मैं खेतों की तरफ निकली और वहाँ उस वक़्त उनमें से एक ही था। मैंने बिना कुछ कहे पीछे से उसको जफ्फी डाल दी,
वो मुड़ा- तू?
हां ! क्यूँ ? बस दीदी से करेगा ? सुबह से तेरा वो मेरी आँखों के सामने घूम रहा है !
तू अभी छोटी है, तेरी लेकर मुझे मरना नहीं अभी ! तैयार हो जा ! चल वैसे तेरी मस्ती उतार देता हूँ !
वह मुझे वहीं घास पर लिटा मेरे मम्मे पीने लगा और मेरी चूत छेड़ने लगा, मैं सिसक रही थी।
वह बोला- इसमें मैं नहीं डालूँगा !
कोई बात नहीं ! तूने वैसे ही मुझे मस्त कर दिया !
उसके बाद से मेरे मम्मे तेज़ी से बढ़ने लगे। उसने दूसरे को बताया, फिर मौका देख दोनों मेरे मम्मे पीते, जिस्म से खेलते लेकिन चूत का जोखिम नहीं लेते।
Desi Sex Chudai Katha > तुम्हारे बिना नहीं रह सकती
फिर पूरी विकसत हो गई, एक दिन उनमें से एक ने आखिर मेरी सील तोड़ दी और उससे चुदवाने के बाद अभी मैंने कपड़े ठीक किये थे, माँ ने मुझे खेत से निकलते देख लिया। जब माँ ने मुझे फटकार लगाई घर आकर तो मेरे मुँह से अंदर का उबाल निकल आया- क्या करूँ – जैसी माँ वैसी बेटी निकलगी ना ! जब माहौल वैसा मिला, मुझसे जवानी नहीं संभलती !
माँ चुपचाप सुनती रही।
मैंने माँ को कह दिया- मेरी शादी करवा दे वरना मेरे से और भी गलत कदम उठ जायेंगे !
माँ को दीदी के बारे में भी सब पता चल गया था, दीदी की भी जल्दी शादी कर दी गई।
दसवीं की परीक्षा देते ही पास के गाँव में मेरा रिश्ता तय हो गया, मेरा रिश्ता गुरनाम सिंह नाम के किसान के बेटे के साथ हुआ, वो ज्यादा पढ़ा नहीं था लेकिन ज़मीन काफी थी, तीन भाई थे, एक जेठ था, जेठानी की कार हादसे में मौत हो चुकी थी, पहले मेरा रिश्ता उससे ही तय हो रहा था लेकिन मैंने शादीशुदा से शादी करने से मना कर दिया था, जिसकी वजह से मेरा रिश्ता गुरनाम से हो गया, वो मुझे काफी दमदार मर्द दिखा था, वो ही शायद मेरी जवानी संभाल पायेगा क्योंकि जितने आग मेरे अंदर है, आम मर्द की बस की बात नहीं थी।
शादी हुई, उसकी दुल्हन बन कर उसके गाँव चली गई मैं !
लड़की के साथ उसका भाई जाता है, पहली रात हमारे यहाँ पति-पत्नी एक साथ नहीं सोते। दो दिन बाद मुकलावे की रस्म के बाद मिलन की रात आती है। अगले ही दिन मुझे फेरे के लिए मायके जाना था।
Desi Sex Chudai Katha > बर्थडे का विशेष उपहार
वहाँ गई तो किसी काम से मुझे छत पर जाना पड़ा, माँ ने मुझे ऊपर स्टोर से प्याज लाने को कहा था, वहाँ काला सिंह, मेरा नौकर और आशिक पिछले रास्ते आ धमका। उसने मुझे बाँहों में लेकर चूमना शुरु किया- कैसी रही सुहागरात पम्मी ?
मैं बोली- कहाँ हुई है अभी ? आज मिलन की रात है ! उसको उस कमरे, मुझे दूसरे में सुलाया कमीनों ने !
आय हाय ! तेरा तो बुरा हाल होगा जानेमन !
काला, तुम ज़ख्मों पर नमक मत डालो ! और जाओ कोई आ गया तो बवाल मच जाएगा !
पहले वादा करो कि रात को छत पर मिलेगी !
आज नहीं !
उसने मुझे वहीं स्टोर में धर-दबोच लिया, मेरे लहंगे में हाथ डाल कर मेरी चूत मसलने लगा।
हाय काले ! छोड़ ! मैं बहक रही हूँ ! नीचे सभी हैं ! वादा रहा आऊंगी !
दो मिनट सहला दे मेरा पकड़ कर !
नहीं ! रात को !
मुझे पता था कि मैं आज नहीं रुकने वाली, मुझे वापस ससुराल जाना था, मैं नये माल का स्वाद लेना चाहती थी, काला सिंह अब बासा था, पुराना !
वो चला गया, शाम हुई, सभी मुझे विदा करवाने लगे !
Desi Sex Chudai Katha > भाभी की सेक्सी गांड