भाभी की ब्ल्यू पेंटी

फिर खड़ा होकर उनके बाल संवारता हूँ, फिर उनके आदेश के मुताबिक अन्य सेवाएँ, जैसे उनके चरणों की मालिश करना, उनके कंधे दबाना, वगेरह करके उनके आदेश पर उनके बाथरूम जा कर सफाई करता हूँ.

तथा उनके उतारे कपडे धो कर बाहर आ जाता हूँ, तब तक भाभी घर में दिन के वक़्त पहनने वाला गाउन पहन कर बेड पर बैठी होती हैं. मैं उनके चरणों में सर रखके उनका आशीर्वाद ले लेता हूँ.

फिर वो मुझे नाश्ता लाने का हुक्म देती हैं तो मैं नाश्ता और चाय लाकर उनके चरणों में बैठ कर उनके कहने तक उन्हें न्यूज़पेपर पढ़ के सुनाता हूँ. नाश्ते के बाद वो बेड पर लेट जाती है और मुझे टीवी ओन करने की आज्ञा देती हैं. ये सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं.

मैं टीवी ओन करके उनके पसंद का प्रोग्राम लगाने तक चैनल स्क्रॉल करता हूँ. फिर रिमोट उनके हाथ के पास रख कर ज़मीन पर बैठ कर उनके पैर दबाने लगता हूँ.

कुछ देर बाद वो मुझे हाथों के इशारे से (या कभी कभी लात मार कर) जाने की आज्ञा देती हैं तो मैं उनके झूठे बर्तन ले जाकर साफ़ कर देता हूँ.

फिर मैं भी नाश्ता कर लेता हूँ. मुझे उस दिन ज्यादा ख़ुशी मिलती हैं जब भाभी मेरे लिए अपना झूठा खाना प्लेट में छोड़ देती हैं. वो खाना मेरे लिए अमृत से कम नहीं.

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खेर, नाश्ते के बाद मैं भी अपने रूम में जा कर नाहा धो कर तैयार होता हूँ और कपडे पहन कर भाभी के रूम में जाकर चरणों में बैठ कर इंतज़ार करता हूँ की वो मुझे नोटिस करे और मैं उनसे काम पर जाने की आज्ञा ले सकूँ.

उनके प्रोग्राम देखते समय बीच में बोलकर मैं उन्हें परेशान नहीं करता. जैसे ही कमर्शिअल आते है या जब उनका मन हो तब वो मेरी तरफ देखती गई.

तो मैं अत्यंत ही धीमी आवाज में और कम से कम शब्दों में उनसे काम पर जाने की आज्ञा मांगता हूँ.

उनकी मर्ज़ी के मुताबिक वो मुझे इज्ज़त देती है या फिर अपने कुछ काम बता कर वहां भेज देती हैं या फिर घर में ही किसी काम में लगा देती हैं. मेरा काम पर जाना केवल उनकी मर्ज़ी पर ही निर्भर हैं.

काम पर भैया का हाथ बटा कर मैं जल्दी हीघर आ जाता हूँ. भैया मुझे ज्यादा काम में नहीं लगाते क्योंकि उन्हें पता होता हैं की घर में भाभी अकेली बोर हो जाएगी.

घर आते ही मैं पहले नहा धोकर साफ़ हो जाता हूँ और घर के कपडे पहन कर भाभी के चरणों में उपस्थित हो जाता हूँ. ये सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं.

फिर भाभी मुझसे अपने पैर दबवाने या नाख़ून कटवाने जैसे छोटे मोटे काम करवा लेती हैं.

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भैया के आने के बाद हम सब साथ में खाना खाते हैं और भाभी और भैया थोड़ी देर बैठ कर लिविंग रूम में टीवी देखते हुए बातें करते हैं. तब तक मैं भाभी के और मेरे बर्तन धो देता हूँ.

बाकी सारे बर्तन मैड सुबह आ कर साफ़ करती हैं. फिर मैं भाभी के बाथरूम में जा कर सफाई करता हूँ और भाभी के बेड तैयार करके लिविंग रूम में जा कर भाभी के चरणों के पास बैठ कर टीवी देखता हूँ.

थोड़ी देर बाद भाभी सोने जाती है और भैया लैपटॉप पर बैठ कर अपना काम करते हैं. ये सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं.

मैं भाभी के पीछे उनके बेडरूम जाकर उनके स्लिपर उतारता हूँ और उनका नाईट ड्रेस निकालकर उनके बेड पर रख कर बेड के नीचे सर ज़मीन पर रख कर बैठ जाता हूँ ताकि भाभी बेड पर बैठ कर अपना ड्रेस चेंज कर सके.

फिर उनका उतारा हुआ ड्रेस ले कर बाथरूम जा कर धो लेता हूँ और वापस आकर भैया के सोने के लिए आने तक भाभी के पैर दबाता हूँ.

भैया के आने के बाद मुझसे काम के बारे में दो चार बातें करते है फिर मैं भाभी के चरणों में वंदन करके सोने चला जाता हूँ. antarvasna