माँ – फ़िक्र मत कर मादरचोद.. आज तेरा लंड चूस चूस कर इसका किमा बना दूंगी…
और फिर किसी पागल छिनाल की तरह, वो मेरा लंड चूस रही थी.. मैंने 15 मिनट तक उसकी चूत चाट कर उसकी चूत का भुर्ता बना दिया..
फिर उसने मुझे अपने दोनों पैरों के बीच दबा दिया और बोली – मेरे चूत के पुजारी, मेरा अमृत पियोगे?..
मैंने कहा – हन मेरी छिनाल. पिला दे मुझे तेरी चूत का रस..
और ये बोल कर मैंने अपनी ज़बान बाहर निकाल के अपना पूरा मुँह उसकी चूत में घुसा दिया..
फिर उसने एक लम्बी सिसकारी ली और…. आआआआआआ.. ओहहहहहहहहहहहहहहह.. मायगॉड!.. बोलकर अपना गरमागरम लावा मेरे मुँह में दाल दिया..
क़सम से यार बहुत ही स्वादिष्ट था उसकी चूत का अमृत..
फिर मैंने कहा – मेरी जान, मेरा भी निकलने वाला है..
वो बोली – मेरे मुँह में ही डाल दे रंडीबाज़.. .
आप ये सेक्सी टीचर की चुदाई की कामुक स्टोरी अन्तर्वासना सेक्स कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हो। और फिर मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.. और फिर वो कुतिया की तरह मेरा लंड चाट-चाट कर मेरे लवड़े का पानी पीने लगी..
थोड़ी देर तक हम दोनो बेड पर पड़े रहे.. वो मेरे लंड से खेल रही थी… 20 मिनट के बाद मेरा लंड फिर से उसकी चूत का भरता बनाने को तैयार हो गया..
मैंने उनको डॉगी स्टाइल में होने को कहा.. वो जैसे ही डॉगी स्टाइल में हुई.. मैं उनके नीचे जाकर फिर से उनकी चूत चाटने लगा.. 10 मिनट की चूत चाटने के बाद वो सिसकियाँ लेने लगी..
वो बहुत गरम हो गई थी.. और गलियाँ देने लगी – छिनालके, गांडू, मादरचोद… अभी बस भी कर.. मुझे हमारी बर्दाश्त नहीं हो रहा है… अभी अपना लंड मेरी चूत में डाल दो ना मेरे राजा…
मैंने कहा – अभी डालता हूँ मेरी रखैल.. ज़रा इंतज़ार तो करो..
फिर मैंने उसको सीधा बिस्तर पर लिटाया और उसके दोनों पैर अपने कंधे पर रख कर, उसकी चूत पर अपने लंड का सुपाड़ा रख कर, एक धक्का मारा.. तो वो चीख पड़ी…
वो बोली – डार्लिंग.. उउई… थोड़ा आराम से….
उसकी चूत बहुत ही ज़्यादा टाइट थी… जिसकी वजह से लंड नहीं जा रहा था… मैंने उसकी चूत के होठों को उंगली से फैलाया और एक ज़ोरदार धक्का लगाया… फच्च से, एक ही शॉट में.. मेरा पूरा 8 इंच का गधा जैसा लंड मेरे चुदक्कड़ देसी टीचर की चूत में घुस गया..
वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी… लेकिन उसका चीख बाहर नहीं निकल पाई.. फिर उसकी आंसू निकल गई.. और गीली देसी चूत से खून निकलने लगा..
मैं थोड़ी देर ऐसे ही रहा कोई हरकत किए बिना, ताकि उसका दर्द थोड़ा कम हो जाए.. उसके स्तन दबाने लगे.. निप्पल निचोड़ने लगे.. वो दर्द में तो थी पर सेक्स का ऐसा बुखार था उस पर, निप्पल ट्विस्ट होने से उसमें एक अलग ही अकडन आ रही थी.. फिर थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ और वो शांत हो गई..
मैडम बोली – डार्लिंग अब दे-धना-धन मेरी चूत में धक्के लगाना.. चलो करो…
फिर क्या था.. मैंने रेलगाड़ी की तरह स्पीड पकड़ी.. पिस्टन की तरह जोरदार झटके मारने लगे.. राजधानी ट्रेन की स्पीड में उसकी चुदाई करने लगा.. और वो गांड उछाल-उछाल कर मेरा साथ देने लगी और गालियां देने लगी…
Hot teacher ki chudai karne me alag hi mazaa aa raha tha.
आहह…. मम्म…. उउईईईई… क्या मस्त चुदाई करता है रे तू….. मेरे राजा… डाल दे और अंदर… साले मादरचोद… चोद मेरी चूत.. तेरे गधे जैसे लंड की मैं आज से दीवानी हो गई… चोद.. चोद.. और ज़ोर से चोद… आआआ… ऊऊ.. ओह…
वो सिसकियाँ ले कर बोल रही थी – मादरचोद, आज तेरी मैडम की चूत फाड़ डाल… मेरे हरामी कुत्ते.. आज मुझे अपनी रांड बना डाल… मेरी चूत के पुजारी…
आप ये सेक्सी टीचर की चुदाई की कामुक स्टोरी अन्तर्वासना सेक्स कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हो। मैं धाम-धाम उसकी चूत पर हमले किए जा रहा था.. 20 मिनट की चुदाई करने पर ही उसकी गरम चूत 3 बार पानी चोद चुकी थी…
वो बहुत मस्त होकर चुदवा रही थी.. एक दम किसी चुदासी रांड की तरह…
25 मिनट के बाद जब मेरा पानी निकलने वाला था, तो मैंने उसे पोछा – मैं झड़ने वाला हूँ…
वो बोली – मेरी चूत में ही डाल दो.. मुझे मेरी चूत में तेरे लण्ड का पानी चाहिए… जल्दी डाल दे… मैं भी झड़ने वाली हूँ…
मैंने कहा – तुम मेरा लंड का माल पियोगी?..
वो बोली – हाँ मेरे राजा…
मैंने उसकी चूत और लंड के बीच में एक छोटा कप लगाया, और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा वो बेहाल हो गई थी.. और फिर 25 मिनट के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए…
उसकी चूत में हम दोनों के पानी की जमा हो गई… वो किसी गर्म भट्टी की तरह गरम हो गई थी.. मैंने मेरा लंड और उसकी चूत का अमृत, दोनों का मिक्स, उस कप में गिरा दिया और वो उस अमृत को पी गई…
इस तरह मैंने उसको पूरे दिन में उसकी 5 बार अलग-अलग स्टाइल में चुदाई की..
तो दोस्तों ये थी मेरी पहली कहानी. मुझे उम्मीद है कि सबको अच्छी लगे कोई गलती हो गई होगी लिखने में तो प्लीज माफ़ कर देना, अगले पार्ट में लिखूंगा के कैसे मैंने रिया मैम हमारी उनकी सहेली की दोनों की चुदाई की थी..